भरतपुर. धौलपुर जाट समाज के लोगों को आरक्षण दिलवाने के लिए जाट समाज के नेता कई दिनों से आंदोलन कर रहे है. इसके लिए शुक्रवार को जिले के खेड़ली मोड़ पर महापड़ाव होना था, लेकिन सरकार ने गुरुवार देर रात ही जाट नेताओं को वार्ता के लिए बुला लिया था. जिसमे तीन विभागों के डायरेक्टर के साथ जाट समाज के नेताओ की बैठक हुई और इस दौरान उनकी दो मांगे मान ली गई.
वहीं तीसरी मांग थी कि राज्य सरकार आरक्षण की सिफारिश चिट्ठी भेजे, इस मांग को लेकर सहमति नहीं बनी और देर रात सीएमओ से जिला कलेक्टर के पास सूचना आई. जिसमे सरकार ने तीसरी सरकार की मांग भी मान ली है, लेकिन आज प्रस्तावित जाट समाज का महापड़ाव होगा. जिसमें पूरे समाज के सामने सरकार से हुई बात रखी जाएगी.
वहीं भरतपुर-धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह फौजदार ने बताया कि भरतपुर-धौलपुर के जाट समाज की आरक्षण को लेकर मांग काफी समय से चली आ रही है. गुरुवार रात जाट आरक्षण संघर्ष समिति के 21 सदस्यीय दल को सरकार द्बारा बुलाया गया. जिसमे दो बिदुओं पर सहमति बन गई थी. चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए सरकार ने 01 माह का समय मांगा है. दूसरी मांग थी आरक्षण के दौरान समाज के लोगों पर दर्ज हुए मुकदमे वापस लिए जाए उस पर सरकार और समाज की सहमति बन गई, लेकिन तीसरी अहम मांग थी, कि राज्य सरकार केंद्र सरकार को आरक्षण की सिफारिश चिट्ठी लिखे इसके लिए वार्ता में ढुलमुल रवैया अपनाया गया. जिसको लेकर वार्ता विफल हुई.