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कोरोना के बीच अलवर में मनाई जाएगी ईद और रक्षाबंधन का त्योहार, जगह-जगह लग रही बैरिकेडिंग

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Published : Jul 31, 2020, 9:03 PM IST

कोरोना संक्रमण ने अलवर को अपनी जद में ले लिया है. जिले में हालात खराब हो रहे हैं, ऐसे में आने वाले त्योहार को देखते हुए जिला कलेक्टर ने अलवर शहर कोतवाली क्षेत्र में 14 दिन का लॉकडाउन लगा दिया है. क्योंकि कोतवाली क्षेत्र में अलवर के सभी प्रमुख बाजार आते हैं. त्योहार के सीजन में बाजार में हजारों की संख्या में लोग खरीदारी के लिए आते हैं. इससे कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल सकता था.

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अलवर में कई जगहों पर लगी बैरिकेटिंग

अलवर.कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 4 हजार के आसपास पहुंच चुकी है. प्रतिदिन राजस्थान में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज अलवर में मिल रहे हैं. बिगड़ते हालातों को देखते हुए जिला कलेक्टर आनंदी ने शहर कोतवाली क्षेत्र में लॉकडाउन करते हुए 12 अगस्त तक शहर कोतवाली क्षेत्र को पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया है. इसके तहत शहर की तरफ आने वाले सभी मार्गों और गलियों से बंद किया गया है.

अलवर में कई जगहों पर लगी बैरिकेडिंग

इसके अलावा छोटी से बड़ी सभी तरह की गली और रास्तों को पूरी तरह से ब्लॉक किया गया है. 1 अगस्त को अलवर सहित देश भर में ईद मनाई जाएगी. उसके बाद 3 अगस्त को रक्षाबंधन पर्व मनाया जाएगा, दोनों ही पर्व खास हैं. इस मौके पर लोग एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाईयां खाते हैं. इसके अलावा बाजार में जमकर खरीददारी करते हैं. इन हालातों को देखते हुए अलवर में लॉकडाउन फायदेमंद हो सकता है. लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में बंद रहेंगे. बाहरी क्षेत्र में रहने वाले लोग शहरी क्षेत्र में नहीं आ सकेंगे. वहीं शहरी क्षेत्र के लोग बाहर की तरफ नहीं जा सकेंगे. इससे कोरोना का संक्रमण नहीं फैल सकेगा और हालात कुछ काबू में हो सकते हैं.

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जिला कलेक्टर ने कहा कि लॉकडाउन कम समय का भी लग सकता था. लेकिन उससे लोगों को फायदा नहीं होता. 14 दिन के लॉकडाउन के दौरान लोगों में फैला संक्रमण पूरी तरीके से समाप्त हो जाएगा और लोग आगे संक्रमण फैलाने की स्थिति में नहीं रहेंगे. ऐसे में अलवर के लोगों को इस बार ईद और रक्षाबंधन का पर्व घरों में रहकर मनाना होगा.

हालांकि मुस्लिम समाज के धर्मगुरुओं ने घरों में ईद की नमाज अदा करने की मांग की है. साथ ही लोगों से घरों में रहने के लिए कहा है. ऐसे में देखना होगा अलवर में इस तरह के हालात रहते हैं. हालांकि इन सब से व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. क्योंकि त्योहार से पहले व्यापारियों ने सामान का स्टॉक जमा कर लिया था. खाद्य पदार्थों के अलावा इस समय अन्य किसी सामान की डिमांड नहीं है.

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