अलवर. पिछले दिनों आई कुछ रिपोर्ट के मुताबिक देश आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है. विशेषज्ञ आर्थिक मंदी के बारे में कई बार बोल चुके हैं. ऐसे में इस आर्थिक मंदी का राजस्थान की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले अलवर में भी देखने को मिल रहा है. अलवर जिले में प्रदेश की सबसे ज्यादा औद्योगिक इकाइयां हैं. वाणिज्य कर विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो वाणिज्य कर विभाग में 40 हजार 842 डीलर कर दाता हैं. छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाई रजिस्टर्ड हैं इसमें 8 हजार 350 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं. वहीं 23 हजार 500 ट्रेडर्स हैं.
अलवर में छोटे-बड़े 12 उद्योगिक क्षेत्र हैं. इनमें सबसे ज्यादा ऑटोमोबाइल स्टील आयरन की यूनिट हैं. सरकारी आंकड़ों के हिसाब से अलवर में 160 ऑटोमोबाइल की प्रमुख यूनिट और 150 आयरन स्टील की मुख्य औद्योगिक इकाइयां हैं. अलवर जिला संभाग के कुल राजस्व का 80 से 70 प्रतिशत कर ऑटोमोबाइल स्टील आयरन की औद्योगिक इकाइयों से आता है. आर्थिक मंदी के चलते साल 2019 सितंबर माह में बीते साल 2018 सितंबर माह की तुलना में टैक्स में काफी कमी आई है.
वाणिज्य कर विभाग के आंकड़ों की मानें तो साल 2018 सितंबर महीने में विभाग को 10187.51 लाख रुपए का कर मिला था. वहीं साल 2019 के सितंबर महीने में विभाग को 10538. 44 लाख रुपए का कर मिला है. इसमें 3.44 लाख की ग्रोथ दर्ज की गई है. जबकि वाणिज्य कर विभाग के नियम के हिसाब से वास्तविक ग्रोथ 25 प्रतिशत के आसपास सालाना आनी चाहिए.