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Special : डॉक्टर जो कर रहे कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज, वो अब तक नहीं हुए संक्रमित, ETV Bharat से साझा किए बचाव के तरीके

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Published : Apr 20, 2021, 4:49 PM IST

Updated : Apr 20, 2021, 7:15 PM IST

अलवर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग पॉजिटिव आ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की तरफ से लगातार लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है. सरकार की तरफ से बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की गई हैं. साथ ही होर्डिंग, पोस्टर व विज्ञापन के माध्यम से लोगों तक संदेश पहुंचाए जा रहे हैं. ऐसे में आज हम उन लोगों से आपको रू-ब-रू करवाएंगे, जो लगातार कोरोना के संक्रमित व गम्भीर मरीजों का इलाज कर रहे हैं. लगातार एक साल से उनके संपर्क में हैं, लेकिन उसके बाद भी वो लोग अभी तक पॉजिटिव नहीं हुए. ऐसे में अलवर के उन डॉक्टरों ने ईटीवी भारत से अपने अनुभव साझा करते हुए कोरोना से बचने के तरीके बताए. आप भी जानिये...

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डॉक्टर जो कर रहे कोरोना संक्रमित म

अलवर. कोरोना की पहली लहर में जयपुर के बाद सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज अलवर में मिल रहे थे. अलवर के लॉर्ड्स कॉलेज में कोविड केयर वार्ड बनाया गया था. इसके अलावा अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में आईसीयू में मरीजों की भर्ती की सुविधा थी. अलवर में 300 से अधिक मरीज की भर्ती की सुविधा जिला अस्पताल पर थ. इसके अलावा ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व सभी ब्लॉक स्तर पर भर्ती की व्यवस्था थी. सरकार व प्रशासन के तमाम प्रयासों के बाद भी संक्रमण तेजी से फैलता रहा था व लोग संक्रमित होते रहे थे. उससे ज्यादा खराब हाल दूसरी लहर में देखने को मिल रहे हैं.

डॉक्टर्स ने ईटीवी भारत से साझा किए कोरोना से बचने के उपाय

कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. लगातार कोरोना का संक्रमण कई गुना तेजी से फैल रहा है. अलवर में 600 से 700 लोग संक्रमित आने लगे हैं. जिले में 3000 से अधिक लोग एक्टिव केस हैं. इनमें से बड़ी संख्या में लोग अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं. आईसीयू पूरी तरीके से फुल है. अलवर में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर अन्य जिलों से खासी बेहतर है, साथ ही या मृत्यु दर भी कम है. लगातार संक्रमित मरीजों का इलाज करने वाले डॉ. अशोक महावर, डॉ. सुरेश मीणा व डॉ विष्णु गोयल सभी मरीजों का इलाज कर रहे हैं. कोविड यूनिट के डॉ. अशोक महावर प्रभारी हैं अलवर में लगातार कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले यह डॉक्टर अभी तक एक बार भी पॉजिटिव नहीं हुए हैं. ऐसे में इन लोगों ने ईटीवी भारत से अनुभव साझा करते हुए लोगों को कोरोना से बचाव के तरीके बताएं.

पेशेंट को नहीं बुलाते, पेशेंट तक पहुंच कर इलाज

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क्या कहते हैं डॉक्टर...

डॉ. अशोक महावर ने कहा कि वो लगातार दूसरी साल वो कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं, वो कोरोना मरीजों के पास जाते हैं व उनके संपर्क में रहते हैं. इस दौरान वो तीन बार कोरोना की जांच करा चुके हैं, लेकिन सभी जांच नेगेटिव आई है. उन्होंने कहा की हमेशा मास्क लगाकर रहते हैं. वार्ड आईसीयू व ड्यूटी के दौरान पूरी तरह से पीपीई किट पहनते हैं. पीपीई किट को पहनने पर खोलने का विशेष ध्यान रखते हैं. जिस समय वो वार्ड में आईसीयू में रहते हैं, उस समय ध्यान रखते हैं कि शरीर का कोई भी अंग खुला ना रहे. इसके अलावा घर व अन्य समय में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास का उपयोग करते हैं. बार-बार साबुन से हाथ धोते हैं. साथ ही उन्होंने अपनी दिनचर्या में रोज प्रतिदिन घूमना व्यायाम करना व योगा करना सहित कई अन्य गतिविधि जोड़ लिए हैं. डॉ. अशोक महावर ने बताया कि तनाव मुक्त रहने से शरीर की इम्युनिटी ज्यादा रहती है. सभी को पोस्टिक व बेहतर भोजन करना चाहिए. खुश रहना चाहिए व सभी से अच्छा व्यवहार करना चाहिए. इससे शरीर में सकारात्मक ऊर्जा रहती है, साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है.

पीपीई किट पहनने और खोलने का रखते हैं विशेष ध्यान

जीवन बचाना है तो नियम का पालन करना होगा...

इसी तरह से डॉ. सुरेश मीणा ने कहा कि वो लगातार दूसरी साल कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हैं. वो कोरोना मरीजों को पास से देखते हैं व उनसे बात करते हैं. उनके संपर्क में आते हैं, लेकिन इन सबके बीच वो स्वास्थ्य विभाग, डब्ल्यूएचओ व सरकार की गाइडलाइन का पालन करते हैं. हमेशा मास्क लगाते हैं. सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हैं, साथ ही साफ सफाई का विशेष ध्यान रखते हैं. डॉक्टरों ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोन में जीवन बचाना है तो नियम का पालन करना होगा. जिन लोगों के घर से कोरोना काल में कोई चला गया है, वो लोग समझ सकते हैं किसी के जाने का गम.

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छोटे बच्चे और बुजुर्गों को खास सावधानी बरतनी चाहिए...

ऐसे में मास्क कोरोना में सबसे जरूरी व जीवन बचाने की दवा है. इसी तरह से डॉ विष्णु गोयल ने कहा की कोरोना से बचाव का दूसरा अर्थ सावधानी है. अगर हम सावधानी बरते आएंगे तो कोरोना से कोई डर या परेशानी की बात नहीं है. जैसे ही सावधानी हटी तो दुर्घटना घटने की संभावना हो जाती है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन लगने के बाद भी लोग संक्रमित हो रहे हैं. वैक्सीन लगने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है. इसलिए कोरोनावायरस कम रहता है, लेकिन डर बना रहता है. इसलिए लोगों को वैक्सीन लगवाने के बाद भी मास्क पहनना चाहिए. कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से कई गुना अधिक शक्तिशाली व तेजी से फैलने वाली है. ऐसे में छोटे बच्चे, बुजुर्गों को खास सावधानी बरतनी चाहिए.

पौष्टिक भोजन जरूरी...

डॉक्टरों की रिसर्च में सामने आया है कि जो लोग खुश रहते हैं व बेहतर भोजन करते हैं, उन लोगों का शरीर कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत रहता है व शरीर को ताकत मिलती है. इसलिए सभी को खुश रहना चाहिए. पौष्टिक भोजन करना चाहिए. पनीर, फ्रूट, दूध का उपयोग ज्यादा करना चाहिए. दूध व दूध से बने हुए खाद्य पदार्थ शरीर के लिए बेहतर होते हैं. पौष्टिक भोजन करने से शरीर बेहतर रहता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा रहती है, साथ ही इम्यूनिटी पावर भी बढ़ती है.

खुश रहें, संगीत सुनें, नहीं हों परेशान...

कोरोना मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टरों के विशेषज्ञों ने कहा कि कोरोना से डरने की आवश्यकता नहीं है। डरने से इम्यूनिटी पावर कम होती है। घर में रहकर संगीत सुनें, घर मे बच्चों के साथ खेलें व समय बिताए, छत पर योगा व व्यायाम करें। खुश रहे भजन व गाने सुने। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा रहती है। प्रतिदिन सुबह के समय घूमने की आदत डालें व योगा करें। थोड़ा समय खुद को दें। ऐसा करने से आप कोरोना से जंग जीत सकते हैं।

Last Updated : Apr 20, 2021, 7:15 PM IST

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