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अलवर: मानव संसाधनों के अभाव में तस्करी रोकने में असफल गौ-रक्षक चौकियां

अलवर-भरतपुर के मेवात इलाके में गौ-तस्करी की बढ़ती घटनाओं पर रोकथाम के मामले में पुलिस के प्रयास बौने साबित हो रहे हैं. पुलिस प्रशासन की ओर से हाल ही में स्थापित की गई गौरक्षा चौकियां, मानव संसाधन के अभाव में तस्करों की राह रोक पाने में सफल नहीं हो पाई है.

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Published : Nov 15, 2019, 6:33 PM IST

अलवर, cow smuggling in alwar

अलवर.मेवात इलाके में गौ-तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है. बावजूद इसके रामगढ़ और गोविन्दगढ़ थाना क्षेत्र के गांव में बनी गौ-रक्षक चौकियों पर स्टाफ की कमी है. गोविंदगढ़ के गांव नसवारी में हाल ही में स्थापित की गई गौ-रक्षा चौकी भी आवागमन और मानव संसाधन के अभाव में अपनी कार्यकुशलता का प्रदर्शन नहीं कर पा रही हैं.

स्टाफ की कमी का मार झेल रही गौरक्षा चौकी

पुलिस प्रशासन ने इस क्षेत्र में गौ-तस्करी और गौकशी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए एतिहाती कदम के रूप में गौरक्षा चौकी शुरू की है. लेकिन, नसवारी में गौरक्षा चौकी स्टाफ की कमी तथा वाहन का अभाव सबसे बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है.

हरियाणा सीमा से सटे होने से इस क्षेत्र में गौ-तस्करी आम बात है. गौरक्षा पुलिस चौकी में फिलहाल तीन का स्टाफ है और चौकी पर एक भी वाहन नहीं है. ऐसी स्थिति में तस्करों का पीछा करने और उनसे गौवंश को मुक्त कराने में गौरक्षक शक्तिहीन और निरुपाय होकर रह जाते हैं.

गौरतलब है कि गौ तस्करी रोकने के लिए जो चौकियां बनाई गई हैं, उनपर पर्याप्त मात्रा में पुलिस जवान तैनात नहीं हैं. इन चौकियों पर वाहन तक का इंतजाम नहीं हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस गौ तस्करी रोकने के लिए कितनी गंभीर है.

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मामले में एसपी परिस देशमुख ने बताया कि उन्होंने गौ तस्करी की घटनाओं को रोकने के लिए गश्त बढ़ाई है. एक गाड़ी भी इस रोड पर डाली है. आरबी एक्ट के अंतर्गत जितने भी चालानशुदा व्यक्ति हैं, उन पर निगरानी रखी जा रही है. नसवारी पुलिस चौकी पर फिलहाल तीन का स्टाफ है, आवश्यकतानुसार बाकी स्टाफ की भी जल्द से जल्द पूर्ति की जाएगी.

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