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Special: पॉजिटिव से निगेटिव होने के बाद कई मरीजों के फेफड़ों में मिल रहा CORONA संक्रमण

अलवर जिले में अब कोरोना ने अपना असली रूप दिखाना शुरू कर दिया है. चिकित्सकों के अनुसार कुछ समय पहले तक जहां लक्षण के पॉजिटिव रोगी सामने आ रहे थे, वहीं अब पॉजिटिव आने वालों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आ रहे हैं. लेकिन फेफड़ों की जांच में वह संक्रमित पाए जा रहे हैं.

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मरीजों के फेफड़ों में मिल रहा कोरोना संक्रमण

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Published : Sep 30, 2020, 8:00 PM IST

अलवर. शहर में लगातार कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ रहा है. आए दिन नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. लेकिन समय के साथ कोरोना में कई तरह के बदलाव भी देखने को मिल रहे हैं. जहां शुरुआती दौर में खांसी, जुकाम और बुखार जैसे लक्षण वाले कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे थे. वहीं कुछ समय बाद ऐसे लोग भी पॉजिटिव मिलने लगे हैं, जिनमें कोई सिमटम नहीं था. लेकिन अब अलवर में लक्षण नहीं होने और रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी लोगों के फेफड़ों में संक्रमण मिल रहा है. कोरोना में हो रहे इस बदलाव ने सब की परेशानी बढ़ा दी है.

मरीजों के फेफड़ों में मिल रहा कोरोना संक्रमण

यह संक्रमण कई मरीजों के लिए जानलेवा भी साबित हो रहा है. ऐसे मरीजों में ऑक्सीजन सैचुरेशन कम होना इसका बड़ा कारण बन रहा है. मरीज में लक्षण तो नहीं आते, लेकिन धीरे-धीरे संक्रमण बढ़ता है. संक्रमित व्यक्ति में कई दिनों बाद वापस बीमारी की शिकायत होती है. इस दौरान सिटी स्कैन कराने पर पता चलता है कि फेफड़ों में संक्रमण है. जिसके कारण मरीज में थकान और सांस लेने में दिक्कत होने लगती है. अलवर के अस्पतालों में इस तरह के मरीज बड़ी संख्या में मिल रहे हैं.

कोरोना संक्रमण से लोगों की बढ़ी परेशानी

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चिकित्सकों का कहना है कि कोरोना से ठीक होने के बाद भी मरीजों में ऑक्सीजन सैचुरेशन कम मिल रहा है. ऐसे में दिक्कत बढ़ रही है. मरीजों को ऑक्सीमीटर पर लेने के बाद ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाना पड़ता है. इस दौरान मरीज के फेफड़ों में कोई नुकसान तो नहीं इसका पता भी लगाना पड़ता है. यदि नुकसान थोड़ा बहुत मिलता है. तो फिर उसी समय इलाज शुरू करने से मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं.

बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज आ रहे सामने

यदि संक्रमण अधिक बढ़ता रहा और फेफड़ों पर सूजन आती है. तो मुश्किले बढ़ जाती है. फिर मरीज की रिकवरी होने में बहुत समय लग जाता है. अधिक उम्र वाले मरीज और अन्य तरह की बीमारी से ग्रसित लोगों को या संक्रमण और भी ज्यादा परेशान करता है.

डॉक्टरों ने कहा कि मरीजों में कोरोना का प्रभाव कम होता है, तो लक्षण सामने नहीं आ पाते हैं. फेफड़ों में कोशिकाएं धीमी होती है और सूजन आ जाती है. धीरे-धीरे शरीर के अन्य अंगों को नुकसान करने लगता है. फिर लक्षण वाले कोरोना संक्रमित व्यक्ति चाहे नेगेटिव हो, लेकिन सिटी स्कैन में असली जानकारी मिल पाती है.

अलवर में कई ऐसे मामले सामने आए हैं. जिसमें मरीज में कोरोना के लक्षण नहीं है. उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ जाती है. लेकिन उसके बाद भी मरीज के फेफड़ों में संक्रमण मिलता है. हाल ही में समय पर इलाज नहीं मिलने में, जांच की कमी के चलते कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि किसी भी तरह की परेशानी होने पर लापरवाही ना करें, तुरंत डॉक्टर की सलाह ले और जांच कराएं.

साथ ही अगर संक्रमित मरीज के संपर्क में रहे हैं या किसी भी तरह का संपर्क रहा है, तो उस व्यक्ति को अपनी जांच अवश्य कर आनी चाहिए. कई बार व्यक्ति में बुखार, जुकाम, खांसी की शिकायत होती है. इस दौरान लोग दवाई लेते हैं. दवा लेने से ठीक हो जाते हैं. लेकिन शरीर में कोरोना वायरस रहता है. स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों ने कहा कि इस समय खास सावधानी बरतने की आवश्यकता है. क्योंकि लगातार कोरोना को लेकर रिसर्च चल रही है और कई तरह के नए मामले सामने आ रहे हैं. कुरान में लगातार हो रहे बदलाव ने स्वास्थ्य विभाग में लोगों की परेशानी बढ़ा दी है.

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अलवर जिले के हालात

जिले में 14 हजार से अधिक हुई संक्रमित मरीज की संख्या

एक हजार से ज्यादा मरीज हैं एक्टिव

अब तक जिले में 58 लोगों की मौत हो चुकी है

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