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सरकारी प्रोजेक्ट पर कोरोना की मार, बजट और श्रमिकों के अभाव में बंद प्रोजेक्ट

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Published : Jun 30, 2020, 10:48 PM IST

अलवर जिले में सरकारी प्रोजेक्टों पर कोरोना की मार पड़ रही है. बजट की कमी और श्रमिकों के अभाव के चलते पीडब्ल्यूडी और यूआईटी के सरकारी प्रोजेक्ट बंद पड़े हुए हैं. यही हालात रहा तो आने वाले समय में परेशानी बढ़ सकती हैं.

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बजट एंव श्रमिकों के अभाव में बंद हैं प्रोजेक्ट

अलवर.कोरोना और लॉकडाउन का वैसे तो सभी पर प्रभाव पड़ा है, लेकिन कुछ वर्क ज्यादा प्रभावित है. हालांकि लॉकडाउन अब खुल चुका है और अनलॉक 1.0 चल रहा है. लेकिन अलवर के सरकारी प्रोजेक्टों पर अभी कोरोना की मार पड़ती हुई दिखाई दे रही है. पीडब्ल्यूडी यूआईटी के ज्यादातर प्रोजेक्ट बंद है. कुछ बड़े कामों पर हल्का-फुल्का काम शुरू हुआ है.

बजट और श्रमिकों के अभाव में बंद प्रोजेक्ट

जिले में पीडब्ल्यूडी के 100 से अधिक प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इसमें एनसीआर योजना के तहत सड़क निर्माण कार्य, सरकारी छात्रावास, सरकारी नए भवन, ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री सड़क योजना और गौरव पथ सहित तमाम योजनाओं के तहत जिलेभर में लॉकडाउन से पहले काम चल रहा था. लेकिन लॉकडाउन के बाद काम पूरी तरह से बंद हो चुका है. पीडब्ल्यूडी के प्रोजेक्टों पर नजर डालें तो अभी केवल 19 बड़े प्रोजेक्टों पर काम शुरू हुआ है. बजट की कमी और श्रमिकों के अभाव के कारण सभी साइटों पर काम बंद हैं.

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पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने कहा छोटे बड़े काम मिलाकर जिले में करीब 150 से अधिक कार्य चल रहे हैं. इनमें से केवल 19 जगहों पर काम शुरू हुआ है. पीडब्ल्यूडी को हर साल 100 करोड़ रुपए बजट की आवश्यकता होती है, लेकिन उसकी एवज में 30 से 40 करोड़ का बजट सरकार की तरफ से मिल रहा है. ऐसे में ठेकेदारों का हजारों रुपए का बकाया है. बीते कुछ माह के दौरान ठेकेदारों द्वारा समय पर पेमेंट नहीं होने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी शुरू किया गया. कई दिनों तक पीडब्ल्यूडी कार्यालय में ठेकेदारों ने धरना दिया था. अब फिर से उसी तरह के हालात बनते हुए नजर आ रहे हैं.

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पीडब्ल्यूडी के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो ठेकेदारों पर 200 करोड़ रुपए तक का बकाया अभी चल रहा है. ऐसे में यही हालात आगे भी रहे तो आने वाले समय में परेशानी बढ़ सकती है. हालांकि पीडब्ल्यूडी और यूआईटी की तरफ से सभी ठेकेदारों को जल्द से जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन सरकारी गाइडलाइन का पालन करना भी आवश्यक है. इसलिए बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल के श्रमिक लॉकडाउन के दौरान अपने घर लौट चुके हैं. इसलिए काम शुरू करने में खासी दिक्कत आ रही है.

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