अलवर:प्रदेश में जिस तरह से खनन कार्य के लिए नियम निर्धारित हैं. उसी तरह से लकड़ी कटाई और आरा मशीन के लिए भी नियम बने हुए हैं. लेकिन इस समय प्रदेश में आरा मशीन बिना अनुमति के चल रही है. आरा मशीन को अनुमति देने वाली समिति का गठन अब तक प्रदेश में नहीं हुआ है. खुलेआम लकड़ी की कटाई अवैध रूप से हो रही है.अलवर में ही तकरीबन 150 आरा मशीनों का संचालन हो रहा है.
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राजे रजवाड़ों की भूमि है मरूभूमि राजस्थान. दूर दराज से, देश विदेश से लोग यहां के रेगिस्तान, हवेली, किले, महल और जंगल देखने आते हैं. प्रदेश में सरिस्का, रणथंभौर और मुकुंदरा जैसे टाइगर रिजर्व भी हैं. इसके अलावा बड़ी संख्या में वन क्षेत्र और जंगल क्षेत्र है. प्रकृति के प्रति आसक्ति की कथाएं अकसर राजस्थान से निकलकर सामने आती हैं. अफसोसनाक है कि इन दिनों इसी प्रदेश में पेड़ व लकड़ी कटाई का काम खुलेआम धड़ल्ले से चल रहा है.
जिम्मेदार देते हैं नियमों की दुहाई:आरा मशीन को लेकर जब वन विभाग से सवाल किया जाता है तो अधिकारी नियमानुसार कार्रवाई का दावा करते हैं. साल में एक बार प्रत्येक आरा मशीन का निरीक्षण करने को बड़ी उपलब्धि मानते हैं. कोई शिकायत मिलती है तो अफसर उसे दूर करने के निर्देश देते हैं. चूंकि अभी पूरे प्रदेश में आरा मशीन के संचालन की अनुमति देने वाली समिति का गठन नहीं हुआ है इसलिए फिलहाल नजर रखना आसान काम नहीं.