अलवर.केंद्र सरकार (central government) की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में एक साल से सैकड़ों किसान धरना दे रहे थे. गुरु पर्व पर पीएम ने देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानून निरस्त (Three Agricultura Law Repeal) करने की घोषणा की. इसके बाद से किसानों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. किसानों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर जश्न मनाया. साथ ही किसान आंदोलन में मारे गए किसानों को नमन करते हुए दो मिनट का मौन भी रखा.
देश में पिछले एक साथ से सैकड़ों किसान दिल्ली बॉर्डर पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे हुए थे. इस दौरान देश में कई तरह के घटनाक्रम सामने आए. कानूनों के विरोध में कई तरह की रैलियां निकाली गई. यहां तक की किसान लाल किले तक भी पहुंच गया. कई किसानों की धरने के दौरान मौत भी हुई. लेकिन किसान पीछे नहीं हटा और लगातार कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करता रहा.
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वहीं विपक्ष की मानें तो उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनाव में खुद को घिरता देख केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है. देश के प्रधानमंत्री ने किसानों से मांफी मांगते हुए जल्द संसद सत्र में तीनों कानून वापस लेने की बात कहीं है. पीएम की घोषणा के बाद भी किसान पीछे नहीं हट रहे है. किसानों का कहना है कि जबतक कानून संसद सत्र में निरस्त नहीं हो जाते है तबतक किसान धरने पर बैठे रहेंगे. वहीं भाजपा नेताओं ने पीएम मोदी के फैसले का स्वागत किया. कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों के हित को देखते हुए ही तीनों कृषि कानून लागू किए थे और अब कानून निरस्त भी किसान हित के लिए ही किया गया है.
अलवर के शाहजहांपुर में राजस्थान-हरियाणा सीमा पर भी सैकड़ों किसान धरना दे रहे हैं. प्रधानमंत्री की इस घोषणा के बाद किसानों में खुशी का माहौल है. अलवर में शनिवार को भगत सिंह सर्किल पर भगत सिंह की प्रतिमा पर किसानों ने पुष्प चढ़ाए और माला पहनाते हुए जश्न मनाया. साथ ही एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दी. किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को नमन करते हुए दो मिनट का मौन भी रखा. इस दौरान अलवर के व्यापारी समाजसेवी सहित अन्य सामाजिक संस्थाओं के लोग मौजूद रहे.
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किसानों सामाजिक संस्थाओं के लोगों ने कहा कि सरकार को यह फैसला पहले ले लेना चाहिए था. किसानों ने नए कृषि कानून से होने वाले नुकसान को लेकर भी विस्तार से जानकारी दी. किसानों ने कहा कि यह कानून आम किसान के खिलाफ थे. पूजी पतियों के पक्ष में सरकार ने पूरे कानून तैयार किए थे. इसके तहत किसान केवल मजदूर बनकर रह जाता बड़े पूंजीपति व्यापारी किसानों पर और उनकी जमीन पर कब्जा कर लेते. दूसरी तरफ लगातार कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरने में लगी है.
व्यापारियों ने कहा कि सरकार को यह फैसला पहले ही ले लेना चाहिए था. किसानों पर अब तक दर्ज हुए सभी मामले सरकार को वापस लेने चाहिए. इसके अलावा मारे गए किसानों के परिजनों को मुआवजा देते हुए सरकारी नौकरी भी देनी चाहिए.
आगामी चुनावों को देखते हुए निरस्त किए गए कृषि कानून
केंद्र सरकार की ओर से कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद शनिवार को चित्तौड़गढ़ जिला कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता की गई. पूर्व विधायक जाड़ावत ने तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा को लोकतंत्र की जीत और मोदी सरकार के अहंकार की हार बताया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने आगामी चुनावों को देखते हुए कृषि कानून निरस्त करने का फैसला लिया है. देश कभी नहीं भूल सकता कि मोदी सरकार की अदूरदर्शिता और अभिमान के कारण सैकड़ों किसानों को अपनी जान गंवानी पड़ी.
चित्तौड़गढ़ जिला कांग्रेस कार्यालय में प्रेसवार्ता हमारे किसान भाईयों ने पिछले 14 महीनों में सर्दी, गर्मी, बरसात सभी मौसम के अंदर इतनी यातनाएं सहन की है. किसान लगभग 14 माह से यूपी बॉर्डर, हरियाणा बॉर्डर, राजस्थान बॉर्डर पर बैठे हुए हैं. आंदोलन में कई किसानों की जान चली गई और कई राज्यों की विधानसभाओं ने इस काले कानून को पारित नहीं करने का संकल्प भी लिया था.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी विधानसभा के अंदर इन काले कानूनों को लागू नहीं होगा ऐसा भरोसा अर्जित किया और प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से सभी विपक्षी दलों ने चाहे कांग्रेस पार्टी हो समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस को सभी विपक्षी दलों सहित उन सब ने इस मुद्दे पर किसानों का समर्थन किया. जाड़ावत ने कहा कि जो जख्म किसानों को लगे हैं ये आने वाले चुनाव में बीजेपी को इनका परिणाम भुगतना पड़ेगा.
अजमेर में कांग्रेस ने आंदोलन में जान गवाने वाले किसानों को मोमबत्ती जलाकर दी श्रद्धांजलि
तीन कृषि कानून के मामले में बैकफुट पर आई केंद्र सरकार के बाद कांग्रेस मुद्दे को भुनाने में जुटी हुई है. इस अवसर पर किसान आंदोलन में जान गवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम कांग्रेस ने किया है. शहर के प्रमुख गांधी भवन चौराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष जुटे. कांग्रेसियों ने महात्मा गांधी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद किसान आंदोलन में जान गवाने वाले किसानों के सम्मान में मोमबत्तियां जलाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. साथ ही किसान आंदोलन में जान गवाने वाले किसानों की आत्मा की शांति के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा.
इस अवसर पर अजमेर शहर कांग्रेस के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन, पूर्व विधायक श्री गोपाल बाहेती, पूर्व पीसीसी सचिव महेंद्र सिंह रलावता, कांग्रेस के पार्षद महिला कांग्रेस यूथ कांग्रेस एवं एनएसयूआई के कार्यकर्ता श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शामिल हुए. बातचीत में अजमेर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि यह अहंकार पर लोकतंत्र की जीत हुई है. जैन ने कहा कि किसान आंदोलन में विभिन्न परिस्थितियों में अपनी जान गवा देने वाले उन किसानों के सम्मान में कांग्रेस ने श्रद्धांजलि कार्यक्रम किया है.
अजमेर में कांग्रेसियों ने दी किसान आंदोलन में जान गवाने वाले किसानों को श्रद्धांजलि इस क्रम में अजमेर में कांग्रेसियों ने मोमबत्तियां जलाकर उन सभी दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि दी है. पूर्व पीसीसी सचिव महेंद्र सिंह रलावता ने बताया कि केंद्र सरकार ने नोटबंदी करके देश की जनता को लाइन में खड़ा किया, जीएसटी से व्यापारियों को परेशान किया. वहीं मनमाने तीन कृषि कानून बनाकर किसानों पर थोप दिए गए. रलावता ने कहा कि कांग्रेसियों ने मोमबत्ती जलाकर यह बताया है कि घोर अंधकार भी छोटे से प्रकाश से खत्म हो जाता है. उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मोमबत्तियां जलाकर दिवंगत किसानों को श्रद्धांजलि दी है.