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अजमेर के युवकों ने बनाया 'माय साथी ऐप'...पैनिक बटन दबाते 5 लोगों के पास पहुंचेगा सुरक्षा मैसेज

अजमेर में एक शख्स ने अपना मोबाइल चोरी होने के बाद हुई परेशानी से सबक लेकर अपने इंजीनियर साथी के साथ मिलकर एक मोबाइल ऐप बनाया. इस ऐप में काफी सारी खूबियां हैं. महिलाओं के लिए भी काफी मददगार है. माय साथी नाम का यह ऐप सुरक्षा की दृष्टि से काफी पसंद भी किया जा रहा है.

Ajmer youth made app, अजमेर के युवक ने बनाया एप
अजमेर के युवकों ने बनाया माय साथी एप

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Published : Jun 6, 2020, 1:20 PM IST

अजमेर. मोबाइल हमारी जिंदगी का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है. लोग अपनी बजट के अनुसार मोबाइल बाजार से खरीदते हैं. यही मोबाइल कोई चुरा लेता है तो आर्थिक नुकसान के साथ-साथ पर्सनल डेटा भी चला जाता है. अगर ये डेटा गलत हाथों में चला गया तो इसका गलत इस्तेमाल होते देर नहीं लगती. साइबर क्राइम से तो आज के वक्त में हर कोई वाकिफ है.

अजमेर के युवकों ने बनाया माय साथी एप

अजमेर में एक ऐसा ही वाक्या हुआ एक व्यवसायी के साथ. व्यवसायी का मोबाइल चोरी हो गया. जिसके बाद व्यवसायी ने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई. लेकिन, पुलिस उसका मोबाइल नहीं खोज पाई. लिहाजा उसने निराश होने के बजाय परेशानी से सबक लेते हुए कुछ ऐसा करने का फैसला किया कि जिससे मोबाइल चोरी होने पर सीधे चोर तक पहुंचा जा सके. इस सोच को साकार करने के लिए उसने अपने एक इंजीनियर साथी की मदद ली.

महिलाओं के लिए है खास सुविधा

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आठ माह के अथक प्रयासों के बाद परिणाम एक मोबाइल ऐप के रूप में सामने आया. व्यवसायी घर्मेंद्र अग्रवाल बताते हैं कि इस ऐप में सिर्फ मोबाइल चोर तक पहुंचने की ही खूबी नहीं है बल्कि घटना, दुर्घटना के वक्त परेशान व्यक्ति महज एक बटन से अपने पांच परिचित लोगों तक फोटो, ऑडियो और वीडियो सहित फोन की लोकेशन भेज सकता है.

8 महिने की मेहनत रंग लाई

महिलाओं के लिए मददगार

व्यवसायी के साथी इंजीनियर कपिल शर्मा बताते हैं कि 'माय साथी ऐप' में कॉन्टेक्ट बैकअप और फोन के साथ छेड़छाड़ करने पर सायरन बजता है और छेड़छाड़ करने वाले का फोटो और वीडियो परिचित के मोबाइल पर चला जाएगा. शर्मा ने बताया कि मोबाइल चोरी होने पर चोर ने मोबाइल की सिम बदलने की कोशिश की तो उसके नम्बर ऐप पर आ जाते हैं. साथ ही यह ऐप महिला सुरक्षा की दृष्टि से भी काफी कारगर है. ऐप में पैनिक का बटन दबाते ही 5 लोगों के पास एसएमएस के जरिए नोटिफिकेशन, फोटो, वीडियो और लोकेशन खुद ही पहुंच जाती है.

100 से अधिक मोबइल पर टेस्ट

कपिल शर्मा ने बताया कि कई ऐप में लोकेशन ट्रेस होने की सुविधा होती है. पुलिस भी लोकेशन ही ट्रेस करती है. लेकिन इस ऐप में पैनिक बटन दबाते ही फोटो औऐर वीडियो भी उपलब्ध होते हैं. करीब 100 से अधिक मोबाइल पर एप की टेस्टिंग की गई है. इंजीनियर कपिल शर्मा ने बताया कि माय साथी ऐप से प्राइवेसी को कोई खतरा नहीं है. मेन सिस्टम पर एप धारक का नाम और मोबाइल नम्बर ही रहता है. मोबाइल में पर्सनल डेटा केवल मोबाइल यूजर ही देख सकता है. इसमें तो कांटेक्ट बैकअप का भी ऑप्शन है. मोबाइल चोरी होने पर भी कांटेक्ट बैकउप से कांटेक्ट वापस हासिल किए जा सकते हैं.

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कहते हैं की आफत कहीं से भी आ सकती है. ऐसे में समय पर मदद मिल जाए तो व्यक्ति को बहुत राहत मिलती है. माय साथी ऐप भी घटना, दुर्घटना, महिला अत्याचार और मोबाइल चोरी होने की स्थिति में काफी मददगार साबित हो सकता है.

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