अजमेर.कोरोना महामारी के दौर में हर तरफ डर का साया बना हुआ है. हर कोई इस संक्रमण की चपेट में आने से खुद को बचाना चाहता है. इसीलिए लोग एक दूसरे के संपर्क में आने से भी घबराने लगे हैं. ऐसे में कई लोग ऐसे हैं जो संक्रमित होने की वजह से अपने आसपास के लोगों से बिल्कुल अलग-थलग पड़ जाते हैं.
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इस तरह से अकेला हो जाना किसी के भी दिल को दुखाने के लिए काफी है, लेकिन शहर में जहां कोरोना की वजह से लोग एक दूसरे के संपर्क में आने से बचते हैं, वहीं अजमेर शहर के लोग एक दूसरे की मदद करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं.
शहर के बाहरी सीमाओं पर अब कई रेजिडेंशियल अपार्टमेंट बन चुके हैं इन अपार्टमेंट में रहने वाले लोग इस महामारी के दौर में भी एक दूसरे की पूरी मदद कर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं कैसे.
व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए एक दूसरे तक पहुंचाते हैं सूचना कोरोना पॉजिटिव मरीजों से फोन और सोशल मीडिया के जरिए संपर्क
हरिभाऊ विस्तार विकास समिति के अध्यक्ष एडवोकेट संदीप धाबाई बताते हैं कि हरिभाऊ विस्तार कॉलोनी में कोरोना को लेकर आम जनता में काफी जागरूकता है. कॉलोनी वासियों द्वारा एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया गया है. जिसमें सरकारी गाइडलाइन की पूरी जानकारी दी जाती है. यदि कोई व्यक्ति किसी समस्या में है तो व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए ही उसे सहायता उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जाता है. पूरी कॉलोनी में 500 से 600 मकान है.
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इन मकानों में से करीब 50 मकानों में कोरोना अपना कहर बरपा रहा है. ऐसे में कोरोना पीड़ित परिवारों को दवाई राशन सामग्री फल सब्जियां आदि व्हाट्सएप और फोन कॉल्स किस जरिए ही उपलब्ध करवा दी जाती है. संदीप बताते हैं कि कुछ दिन पहले ही कॉलोनी में कॉलोनी वासियों के लिए वैक्सीनेशन कैंप भी लगाया गया था. ताकि कॉलोनी वासियों की कोरोना से सुरक्षा की जा सके. इसके साथ ही कॉलोनी में साफ-सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है.
अपार्टमेंट्स वाले एक दूसरे का रख रहे पूरा ख्याल सोसाइटी भी बना रही है अपने स्तर पर बचाव के नियम कायदे
जयपुर रोड स्थित ARG CITY ओनर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष नवीन मेघवाल बताते हैं कि सोसाइटी में करीब 300 परिवार रहते हैं, लेकिन सोसायटी वासियों द्वारा कोरोना पॉजिटिव लोगों को भी भरपूर सहयोग दिया जा रहा है. ओनर वेलफेयर सोसाइटी रजिस्टर्ड सोसाइटी है इसीलिए सोसाइटी ने अपने स्तर पर ही सोसायटी वासियों के लिए कुछ नियम कायदे बनाए हैं. सभी सोसाइटी वासियों का बाहर घूमना फिरना बंद कर दिया गया है.
सोसाइटी वासी अपने स्तर पर भी पूरे अनुशासन का पालन कर रहे हैं. यदि किसी में कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो वह अपने स्तर पर ही आइसोलेट हो रहे हैं. यदि कोई कोरोना पॉजिटिव हो जाता है तो भी सोसाइटी वासी आगे होकर उसकी मदद करते हैं. कोरोना पीड़ित परिवार को सब्जी दवा आदि सोसायटी वासियों द्वारा ही उपलब्ध करवा दी जाती है. खाने-पीने की सोसाइटी में कोई समस्या नहीं है, लेकिन फिर भी इमरजेंसी होने पर सोसाइटी वासी ही आपस में एक दूसरे के लिए खाने पीने का बंदोबस्त कर देते हैं.
कोरोना प्रोटाकाल की कर रहे पालना सुरक्षा के इंतजाम
ए आर जी सिटी के सुरक्षा गार्ड राकेश कुमार बताते हैं की सोसाइटी में कोरोना टेस्ट करने के लिए आने वालों को गेट पर ही रोक कर पूछा जाता है कि वह किस का टेस्ट करने के लिए आए हैं. टेस्ट कराने वाले व्यक्ति से बात कर कंफर्म किया जाता है. इसके बाद टेस्ट के लिए आने वाले लोगों से उनकी लैब का नाम पूछ कर रजिस्टर में एंट्री की जाती है. सोसायटी में रहने वालों के अलावा बाहर से आने वाले सभी लोगों की रजिस्टर में एंट्री होती है.
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लॉकडाउन के दौरान वैसे भी सोसाइटी के लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. सिर्फ जरूरत का सामान लेने के लिए ही दुकानों पर जाते हैं. ऐसे में सोसाइटी में अनुशासन का माहौल कायम है सुरक्षाकर्मियों के बारे में पूछने पर राकेश बताते हैं कि इस वक्त सोसाइटी में कुल 16 सुरक्षाकर्मी तैनात हैं जिनमें से नौ सुरक्षाकर्मी रात में और 7 सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी दिन में लगाई गई है.
कई रेजिडेंशियल अपार्टमेंट बन चुके हैं सोसाइटी को सैनिटाइज करवाने की व्यवस्था
निराला हिल्स परिवार वेलफेयर सोसाइटी के सचिव जयदेव सोमानी बताते हैं कि सोसाइटी में प्रवेश से पहले सभी लोगों का टेंपरेचर चेक किया जाता है. इस सोसाइटी में करीब डेढ़ सौ फ्लैट हैं जिनमें से 80 फ्लैट्स में लोग रहते हैं लिफ्ट का इस्तेमाल भी दिन में कई बार किया जाता है. इसीलिए सोसाइटी की लिफ्ट को भी दिन में तीन से चार बार सैनिटाइज करवाया जाता है.
इसके अलावा सोसाइटी के तीनों टावर्स में लगातार हाइपोक्लोराइट का छिड़काव कराया जा रहा है. फिलहाल निराला हिल्स सोसाइटी में कोई भी कोरोना पॉजिटिव परिवार नहीं है. सोसाइटी में साफ-सफाई का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है साथ ही हेल्थ प्रोटोकॉल को भी सख्ती से अपनाया जा रहा है.
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पिछले लॉकडाउन के दौरान जहां कोरोना पॉजिटिव लोगों को अपने आस-पड़ोस के लोगों के दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा था, वहीं इस बार लोगों को यह समझ आ चुका है कि कोरोना वायरस कभी भी किसी को भी अपना शिकार बना सकता है. इसीलिए इस बार के लॉकडाउन में लोग ना सिर्फ जागरूक नजर आ रहे हैं बल्कि कोरोना पीड़ित लोगों के साथ आत्मीयता का व्यवहार भी किया जा रहा है. सच है कि एक छोटा सा वायरस लोगों के बीच पनप रहे बरसों के आपसी संबंध को कमजोर नहीं कर सकता.