अजमेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली ने सरकार से मांग की है कि शिक्षकों को कोरोना वॉरियर्स की भांति वरीयता के आधार पर कोरोना टीकाकरण किया जाए. उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक सुरक्षित हैं तो विद्यार्थी भी सुरक्षित रहेंगे. शिक्षक समाज का वह केंद्र बिंदु है जो देश के भविष्य का निर्माण करने के अलावा अभिभावकों और विद्यार्थियों के सुख-दुख में भी महत्व भूमिका निभाता है. कोरोना का हाल में कई शिक्षक जिला प्रशासन के निर्देश पर फ्रंटलाइन वर्कर्स की भांति अपनी ड्यूटी निष्ठा पूर्वक दे रहे हैं.
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जारोली ने कहा कि राजस्थान बोर्ड प्रदेश में शिक्षकों के कोरोना टीकाकरण पर होने वाले व्यय में आर्थिक सहयोग के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अपने कार्मिकों और अजमेर शहर के बाशिंदों को अस्पताल में ऑक्सीजन की सहज उपलब्धता के लिए 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर देने की सहमति अजमेर जिला प्रशासन को दी है. शहर के अस्पतालों में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जाने पर होने वाले व्यय का पुनर्भरण राजस्थान बोर्ड करेगा. बोर्ड सचिव ने इस आशय का पत्र जिला कलेक्टर को भी भेजा है.
बोर्ड अध्यक्ष ने कहा कि बोर्ड की वार्षिक परीक्षा कराने का निर्णय लॉकडाउन की समाप्ति के पश्चात राज्य सरकार की सहमति से होगा. इस समय पहली प्राथमिकता लोगों का जीवन बचाना है. राज्य सरकार ने अपना सारा ध्यान इसी पर केंद्रित कर रखा है. उन्होंने बताया कि कोरोना का हाल में भी बोर्ड प्रशासन की ओर से शिक्षकों से संबंधित सैकड़ों भुगतान ऑनलाइन किए गए हैं.
कोरोना काल में भी बोर्ड की वेबसाइट पर विद्यार्थियों की ओर से उनके परीक्षा दस्तावेज की मांग संबंधी सभी आवेदनों का निस्तारण किया गया है. राजस्थान बोर्ड ने लगभग 500 अंक तालिका में और परीक्षा प्रमाण पत्रों की प्रतियां आवेदकों को उनके निवास के पते पर जरिए स्पीड पोस्ट भिजवाई है.
बोर्ड कार्यालय बंद, आवश्यक सूचनाएं प्रसारित करना भी हो रहा है मुश्किल
बोर्ड के जनसंपर्क विभाग के उप निदेशक राजेंद्र गुप्ता ने दूरभाष पर ईटीवी भारत को बताया कि लॉकडाउन के दौरान बोर्ड कार्यालय बंद है. ऐसे में बोर्ड से संबंधित आवश्यक सूचना प्रसारित करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गुप्ता ने बताया कि घर पर लैपटॉप नहीं है. वहीं दफ्तर में कार्य करने वाले संविदाकर्मियों के पास भी सूचनाएं प्रसारित करने का कोई साधन नहीं है. उन्होंने बताया कि उन्हें आईटी का ज्ञान नहीं है. ऐसे में बोर्ड के आईटी विभाग से संपर्क कर रास्ता निकाला जाएगा ताकि पूर्व की तरह आवश्यक सूचनाओं को प्रसारित किया जा सके.