अजमेर.कोरोना महामारी के दौरान पुलिस कर्मचारी पूरी मुस्तैदी से परिस्थितियों को संभालने में लगे हुए हैं. कोई नहीं जानता कि इस महामारी के दौर में कब किस वक्त पुलिस सुरक्षा की जरूरत पड़ जाए प्रदेश की पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ लॉकडाउन के नियमों की पालना करवाने में लगी हुई है. इसी के तहत आपात स्थिति में भी पर्याप्त सुरक्षा बल मुहैया करवाने के उद्देश्य से पुलिस विभाग में एक नया फैसला लिया गया है.
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राजस्थान पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर के आदेश पर अप पुलिस के अविवाहित जवानों को थाने और पुलिस लाइन की बैरक में ही रहना होगा लाठर के इस आदेश के बाद प्रदेशभर के पुलिस अधीक्षक और कमांडेंट में अविवाहित पुलिसकर्मियों की छटनी के साथ ही उनकी मौजूदा आवासीय स्थिति का आकलन करना भी शुरू कर दिया है.
आपातकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए लिया गया फैसलाः
पुलिस महानिदेशक एम एल लाठर ने पुलिस थाना रिजर्व पुलिस लाइन और बटालियन मुख्यालय पर बने बैरको में पुलिस के जवानों की नहीं रहने की स्थिति को गंभीर माना है. पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो ने भी 40 जवानों का बैरक में रहना अनिवार्य माना है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए महानिदेशक लाठर ने यह आदेश जारी किए हैं. ताकि आपात स्थिति में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल मुहैया करवाया जा सके.
अविवाहित पुलिसकर्मियों को नहीं मिलेंगे सरकारी आवास
रिजर्व पुलिस लाइन थाने बटालियन मुख्यालय पर 60:40 के अनुपात में सरकारी भवन और बैरक बनाए गए हैं इसके बावजूद भी पुलिस के जवान इनमें नहीं रहते बल्कि किराए का मकान लेकर बाहर रहते हैं. ऐसे में आपात स्थितियों में आवश्यकता होने पर भी पर्याप्त मात्रा में पुलिस बल उपलब्ध नहीं हो पाता. इस वक्त भी नवनियुक्त अविवाहित पुलिसकर्मी बैरकों में नहीं रह रहे हैं.
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इसी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है कि थाने रिजर्व पुलिस लाइन बटालियन में तैनात अविवाहित पुरुष और महिला पुलिसकर्मियों को संस्थान परिसर में निर्मित बैठकों में ही रहना होगा. इमरजेंसी की वजह से यदि वे बैरक से बाहर किराए का मकान लेकर रह रहे हैं तो इसके लिए उन्हें एसपी और कमांडेंट से स्वीकृति लेनी होगी यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.