राजस्थान

rajasthan

SPECIAL : इतिहास में पहली बार थमा न्याय का चक्र, 4 लाख से अधिक लोगों को इंसाफ का इंतजार

By

Published : May 31, 2020, 4:50 PM IST

इतिहास में पहली बार लोगों को न्याय के लिए इंतजार करते 2 महीने से ज्यादा दिनों का समय बीत चुका है. लेकिन अदालत के दरवाजे लोगों के लिए बंद पड़े हैं. अजमेर के राजस्व मंडल सहित राज्य की 475 अधीनस्थ राजस्व अदालतों में 4 लाख 56 हजार 429 मुकदमें अब तक लंबित हैं. पढ़े पूरी खबर...

राजस्थान हिंदी न्यूज, rajasthan news, ajmer latest news in hindi, अजमेर कोर्ट में लंबित मामले, Cases pending in Ajmer court
कोरोना की वजह अदालतों में लाखों मुकदमें लंबित

अजमेर.कोरोना महामारी के कहर से कोई भी क्षेत्र अछूता नहीं रहा है. न्याय व्यवस्था पर भी कोरोना की मार साफ तौर पर देखी जा सकती है. इतिहास में पहली बार लोगों को न्याय के लिए इंतजार करते 2 महीने से ज्यादा समय बीत चुका है. लॉकडाउन के कारण न्याय मिलना तो दूर नियमित तारीख भी मिलना बंद हो चुकी है.

कोरोना की वजह अदालतों में लाखों मुकदमें लंबित

प्रदेश की सबसे बड़ी अदालत राजस्व मंडल में आमतौर पर शनिवार और रविवार के अवकाश के दिन भी वकील पक्षकार नजर आ ही जाते हैं. लेकिन लॉकडाउन के कारण राजस्व मंडल में सेशन कोर्ट में पूरी तरह से चारों ओर सन्नाटा पसरा हुआ है. मंडल का एक दरवाजा बंद है, जबकि दूसरे दरवाजे पर सुरक्षाकर्मी बैठे हुए नजर आते हैं. बाध्यता के कारण मंडल के कर्मचारी तो आ रहे हैं. लेकिन मुकदमों की सुनवाई पूरी तरह से ठप पड़ी है. ऐसे ही सेशन न्यायालय के तीनों गेटों को बंद कर दिया गया है और एक गेट पर पुलिसकर्मी तैनात है. जो माहमारी के चलते किसी को भी अंदर प्रवेश नहीं देते हैं.

कोरोना ने न्याय पर लगाया ताला

राजस्व मंडल सहित राज्य की 475 अधीनस्थ राजस्व अदालतों में 4 लाख 56 हजार 429 मुकदमें अब तक लंबित हैं. वहीं सर्वाधिक मुकदमें उपखंड अधिकारियों की अदालतों में विचाराधीन हैं. राजस्व मंडल में 18 मार्च से कोरोना के चलते मुकदमों की सुनवाई प्रभावित हुई थी.

यह भी पढ़ें-जयपुरः जब्त वाहनों को छुड़वाने की जद्दोजहद में सोशल डिस्टेंसिंग भूले वकील और पक्षकार

आंकड़ों पर अगर नजर डाली जाए तो 1 मार्च 2020 से 26 मई 2020 तक राजस्व मंडल में 568 मुकदमे दर्ज हुए. इस दौरान 520 मुकदमों का निस्तारण किया गया, जबकि 1 मार्च 2019 से 26 मई 2019 तक 1400 मामले दर्ज हुए. वहीं 1816 मुकदमों का निस्तारण किया गया.

महामारी से निपटने में अधिकारी व्यस्त

जिला कलेक्टर से लेकर नायब तहसीलदार, उपखंड अधिकारी सभी कोरोना महामारी से निपटने में व्यस्त हैं. जिला अधिकारियों द्वारा लॉकडाउन की पालना, कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्रों पर नजर रखना, प्रवासी श्रमिकों को भेजने का काम लगातार जारी है. जिसको लेकर पीठासीन अधिकारी राजस्व मुकदमों की सुनवाई करते हैं. लेकिन सभी के व्यस्त होने की वजह से सारे काम अटके हुए हैं.

सूने पड़े न्याय के गलियारे

सेशन न्यायालय में यह मामले हैं लंबित

वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक पाराशर ने जानकारी देते हुए बताया कि पहली बार ऐसा हुआ है, जब न्याय के पहिए पूरी तरह से थम चुके हैं. जिसमें किसी तरह की सुनवाई नहीं की गई. पाराशर ने कहा कि जब न्यायपालिका फिर से शुरू होगी, तब मुकदमों की बौछार आने की संभावनाएं जताई जा रही है.

  • सिविल मामलों की अगर बात की जाए तो अब तक 26629 मामले लंबित हैं.
  • वहीं 60324 अपराधिक मामले लंबित हैं.
  • कुल मिलाकर अब तक 86953 मामले लंबित हैं

राजस्व मंडल का यह है हाल

वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व बार अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि न्याय का काम कभी भी नहीं रुका है. लेकिन इस बार 2 महीनों से ज्यादा दिनों का समय बीत चुका है. ऐसे में न्यायपालिका के सारे कार्य ठप हो चुके हैं.

यह भी पढे़ं-अजमेरः अदालतों में अब ई-फाइलिंग के जरिए होगा काम, जारी किए गए निर्देश

एक नजर आंकड़ों पर डालें

  • टीएनसी एक्ट के 35 हजार 627 मामले लंबित
  • एलआरएक्ट के 23 हजार 981 मामले लंबित
  • कोलोनाइजेशन के 1970 मामले लंबित
  • सीलिंग के 860 मामले लंबित
  • डायरेक्टर लैंड रिकॉर्ड के 40 मामले लंबित
  • पब्लिक डिमांड रिकवरी के 76 मामले लंबित
  • एसटी एक्ट के 21 मामले लंबित
  • जमींदारी एबोलेशन एक्ट के 33 मामले लंबित
  • फारेस्ट एक्ट के 14 मामले लंबित हैं.
  • साल 2018 में दर्ज हुआ राजस्थान धार्मिक भवन और स्थल एक्ट का एक मुकदमा चल रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details