अजमेर. शहर में बड़े पैमाने पर कचौरी और चाट पकौड़ी की दुकानें हैं. लोगों का यह पसंदीदा नाश्ता है. लोग इसे बड़े चाव के साथ खाते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम कि इन चाट-पकौड़ी और कचौरी में प्रयोग किए जाने वाला तेल उनके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचा रहा है या हानि.
खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता जांचने के लिए अभियान दरअसल कई दुकानदार एक बार उपयोग में लाए गए तेल को बार-बार कचौड़ी या पकौड़ी बनाने में इस्तेमाल करते हैं. इससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है. यही वजह है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण इन-दिनों खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता जांचने के लिए विशेष अभियान चलाया रहा है. इस अभियान के अंतर्गत मिठाई विक्रेताओं की दुकानों पर बेस्ट बिफोर की जांच की जा रही है. वहीं दूसरी ओर खाद्य वस्तुएं बनाने के उपयोग में लाए जाने वाले तेल की गुणवत्ता को भी परखा जा रहा है.
ऐसे में सोमवार को इस अभियान के तहत जिला खाद्य विभाग के अधिकारी रमेश सैनी खुद कचौरी-चाट-पकौड़ी की दुकानों पर इस्तेमाल किए जाने वाले तेल की जांच करने के लिए पहुंचे. इस दौरान ईटीवी भारत के साथ बातचीत में बताया कि करीब 6 दुकानों में तेल की जांच की जा रही है. सैनी ने बताया कि एक बार से अधिक इस्तेमाल किया गया तेल लोगों के शरीर पर विपरीत प्रभाव डालता है जिससे ह्रदय संबंधी बीमारियां भी हो जाती हैं.
पढ़ें-राजस्थान : गहलोत सरकार का सीआईडी सीबी से जांच कराने का निर्देश
सैनी ने बताया कि दुकानों से खाद्य तेल के सैंपल लिए जा रहे हैं. जांच में सब स्टैंडर्ड तेल पाए जाने पर 5 लाख तक का जुर्माना दुकानदार पर किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि खाद्य तेल में यदि कोई मिलावट पाई जाती है, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. ऐसे में दुकानदार को जेल भी हो सकती है. जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम की सैंपलिंग की कार्रवाई से बाजारों में हड़कंप मचा हुआ है. बता दें कि त्योहारी सीजन भी नजदीक है. ऐसे में FSSAI का 2 दिन का अभियान का प्रभाव दूरगामी होगा.