अजमेर.जिले में गुरुवार को शीतला सप्तमी मनाई जा रही है. बुधवार को लोगों ने घरों में रांदा-पोया बनाया और गुरुवार को शीतला माता की विधिवत पूजा (Sheetala Saptami 2022) अर्चना कर परिवार में स्वास्थ्य और खुशहाली की कामना की. लोगों में शीतला सप्तमी पर्व को मनाने को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा गया. दरअसल कोरोना के संकट काल की वजह से पिछले 2 सालों से शीतला सप्तमी पर शीतला माता की पूजा अर्चना लोग नहीं कर पा रहे थे. लिहाजा कोरोना संकट कम होने पर जिलेभर में शीतला माता की पूजा अर्चना का दौर जारी है. इस बार लोग बिना पाबंदी माता का पूजन कर रहे हैं.
प्राचीन शीतला माता मंदिर का है विशेष महत्व:अजमेर में प्राचीन शीतला माता मंदिर धार्मिक (Sheetla Mata Temple in Ajmer) आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है. यूं तो साल भर मंदिर में पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन शीतला सप्तमी पर मंदिर में पूजा करने का विशेष महत्व है. लोगों का विश्वास है कि शीतला सप्तमी पर मंदिर में पूजा अर्चना करने से परिवार में बीमारियों का संकट दूर होता है. परिवार में सुख शांति बनी रहती है. इसी कारण शीतला माता मंदिर में रात्रि 12 बजे से ही पूजा अर्चना के लिए भक्तों की भीड़ लग गई. बताया जा रहा है कि गुरुवार और शुक्रवार दोनों दिन ही माता की पूजा अर्चना होगी.
लोढा परिवार ने बनवाया था मंदिर:करीब डेढ़ सदी पहले अजमेर के कानमल लोढा ने शीतला माता मंदिर का निर्माण करवाया था. आज भी लोढा परिवार ही मंदिर की व्यवस्थाओं की देख-रेख करता है. शीतला सप्तमी पर रात्रि 12 बजे से मंदिर के पट खुलने के साथ ही सबसे पहले लोढा परिवार माता की पूजा अर्चना करता है, इसके बाद श्रद्धालु पूजन करते हैं. लोढा परिवार के सदस्य रणजीत मल लोढा ने बताया कि लोगों में मंदिर को लेकर गहरी आस्था है.