अजमेर. जिले में गुरुवार को कोरोना के 87 नए मरीज मिले हैं. कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जहां प्रशासन सख्त है तो वहीं जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना से निपटने के लिए सैंपलिंग बढ़ा दी है.
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जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुख्य अधिकारी डॉ. केके सोनी ने बताया कि विभाग प्रशासन और पुलिस की मदद से लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल नहीं तोड़ने की आदत बना रहा है. इसके लिए सख्ती भी की जा रही है. प्रशासन ने कोरोना गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए 9 इंसीडेंट कमांडर नियुक्त किए गए हैं, जो विभिन्न विभागों के अधिकारी हैं.
इसके अलावा शहरी और ग्रामीण सभी डिस्पेंसरियों में सैंपलिंग बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति डिस्पेंसरी में जाकर अपनी कोरोना जांच करवा सकता है. सोनी ने कहा कि कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद मरीज को गंभीर नहीं होने की स्थिति में घर पर ही क्वॉरेंटाइन किया जा रहा है. नजदीकी डिस्पेंसरी से मरीज को दवा भिजवाई जा रही है.
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केके सोनी ने कहा कि क्वॉरेंटाइन हुए मरीज अपने आप को कैदी ना समझे. यह उनके और दूसरों के स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक है. उन्होंने बताया कि कोरोना से निपटने के लिए आखिरी हथियार वैक्सीन लगाने का कार्य भी लगातार जारी है. 45 की उम्र तक के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. अजमेर में करीब पौने 3 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. उन्होंने बताया कि घर पर क्वॉरेंटाइन हुए मरीजों की मॉनिटरिंग का जिम्मा पुलिस के बीट कांस्टेबल को दिया गया है. एक घर से यदि 5 सदस्यों से ज्यादा लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जाते हैं तो उस घर को माइक्रो कंट्रोल में जोन बनाया जा रहा है.