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पाली: कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान को लेकर शुक्रवार को होगा चक्का जाम, एसडीएम ने भी वार्ता की

पाली के सादड़ी में 28 जून शुक्रवार को चक्का जाम करने की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया. यह चक्का जाम कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में शामिल धार्मिक स्थलों और बांधों को बाहर करने की मांग को लेकर किया जाएगा. गुरुवार को राधाबाई धर्मशाला में आयोजित स्थानीय नागरिकों की बैठक में रणनीति तय की गई.

शुक्रवार को होगा चक्का जाम

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Published : Jun 27, 2019, 5:06 PM IST

सादड़ी (पाली). पाली जिले के सादड़ी में गुरुवार को राधाबाई धर्मशाला में आम लोगों ने बैठक का आयोजन किया. इस बैठक में 28 जून शुक्रवार को होने वाली चक्काम करने की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया. यह चक्काजाम कुंभलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान में शामिल धार्मिक स्थलों और बांधों को बाहर करने की मांग को लेकर किया जाएगा.

लोक हित पशुपालक संस्थान के निदेशक हनवंतसिंह राठौड़ ने बताया कि शुक्रवार को सादड़ी में प्रातः 10 बजे चक्का जाम शुरू किया जाएगा. इससे पहले आजाद मैदान में एक सभा आयोजित की जाएगी. इसी दौरान एसडीएम रवि विजय ने इस बैठक में सम्मिलित लोगों को वार्ता करने के लिए अपने कार्यालय में आने का निमंत्रण दिया. जिसके बाद सभी वहां पहुंच गए और वार्ता की. वार्ता के दौरान एसडीएम ने आंदोलन से जुड़े सभी लोगों से कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर नियम व प्रक्रिया अपनाए. तभी उन्हें सफलता मिलेगी.एएसपी ब्रजेश सोनी, सीआई भंवरलाल पटेल, एसीएफ यादवेंद्रसिंह व रेंजर किशनसिंह भी इस वार्ता में शामिल रहे.

एसडीएम ने नागरिकों से आग्रह किया कि आंदोलन से आमजन को परेशानी नहीं हो. इसलिए आंदोलन को समय सीमा में करें और कानून एवं शांति व्यवस्था बरकरार रखने में सहयोग करें. इस दौरान सादड़ी के नागरिकों ने उन्हें पूर्व में वर्ष 1948 के निर्णित दस्तावेज बताए और धार्मिक आस्था का हवाला देते हुए परशुराम महादेव, सूर्य मंदिर सहित सभी देवस्थानों को उद्यान परिधि से बाहर रखने की मांग रखी. नागरिकों ने प्रशासन को आश्वस्त किया कि वे आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे और कहा कि वे अपना ज्ञापन डीएफओ स्तर के अधिकारी को ही देंगे. इसके बाद सभी लोग देसूरी व घाणेराव में भी आमजन से शुक्रवार को बंद रखकर समर्थन देने की अपील की और जनसम्पर्क किया.

सादड़ी में चक्का जाम करने की रणनीति तय

बैठक में मौजूद नगरपालिका अध्यक्ष दिनेश मीणा, पूर्व अध्यक्ष दिलीप सोनी, पूर्व उपाध्यक्ष सुरेश पुरी गोस्वामी, घीसाराम जाट, पूर्व जिला परिषद सदस्य गुलाब चौधरी, सनातन धर्म मण्डल के गोविंद व्यास, पार्षद ओमप्रकाश बोहरा, लोकहित पशुपालक संस्थान के निदेशक हनवंतसिंह राठौड़, भाजपा मंडल अध्यक्ष संजय बोहरा, एडवोकेट हीरसिंह राजपुरोहित, नगर कांग्रेस अध्यक्ष राकेश मेवाड़ा, पूर्व ब्लॉक सचिव ओमप्रकाश परिहार, समाजसेवी भोमाराम, भावेश देवासी,हस्तीमल वैष्णव,नरेन्द्रसिंह घाणेराव,कमलेश सोनी देसूरी गौभक्त हीरालाल मेवाड़ा,किशोर बोहरा,अन्नराज भाटी इत्यादि कई गणमान्य नागरिकों ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि कुंभलगढ राष्ट्रीय उद्यान के दायरे से परशुराम महादेव तीर्थ धाम,सूर्य मंदिर सहित सभी धार्मिक स्थल व बांध बाहर रखे जाए.

क्या है पूरा मामला
बता दें कि कुम्भलगढ़ नेशनल पार्क की अन्तिम अधिसूचना जारी हो गई है.जिसमें विश्व विख्यात रणकपुर जैन मंदिर व मुछाला महावीर जैन तीर्थ को इस सीमा से बाहर रखा गया है. लेकिन, सूर्य मंदिर रणकपुर व परशुराम महादेव तीर्थ सहित अन्य धार्मिक स्थलों को सीमा के अंदर लिया गया है.ऐसे में सीमा में स्थित धर्म स्थलों पर जाने के इच्छुक श्रद्धालुओं को वन विभाग के नियमों के तहत अनुमति लेनी होगी. जिसके बाद कुम्भलगढ़ राष्ट्रीय उद्यान की परिधि में आए परशुराम महादेव, सूर्यमंदिर सहित धार्मिक स्थलों व बांधों को राष्ट्रीय उद्यान के दायरे से बाहर रखने की मांग को लेकर सादड़ी के लोगों ने चक्काजाम करने की चेतावनी दी हुई है.

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