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कोरोना की चेन तोड़ने के लिए 'अर्ली डिटेक्शन-अर्ली ट्रीटमेंट' जरूरी : संभागीय आयुक्त - कोरोना की चेन

जयपुर संभागीय आयुक्त ने कोरोना रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि डोर टू डोर सर्वे में एक भी घर छूटना नहीं चाहिए. साथ ही उन्होंने कोरोना की मृत्यु दर पर चिंता जाहिर की.

Jaipur Divisional Commissioner, early detection early treatment, break corona's chain
कोरोना की चेन तोड़ने के लिए 'अर्ली डिटेक्शन-अर्ली ट्रीटमेंट' जरूरी

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Published : May 28, 2021, 8:32 PM IST

जयपुर. संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव ने शुक्रवार को संभाग के सभी जिलों जयपुर, सीकर, अलवर, झुंझुनू एवं दौसा के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कोविड संक्रमण की वर्तमान स्थिति 'डोर टू डोर सर्वे', सैम्पलिंग की संख्या एवं इसके प्रबन्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की. उन्होंने कहा कि संक्रमण की संख्या में कमी जरूर आ रही है, लेकिन कोरोना के प्रसार को रोकने के प्रयासों में कमी नहीं आनी चाहिए. मृत्युदर अभी भी चिंता का कारण बनी हुई है.

संभागीय आयुक्त ने सभी जिला कलेक्टरों को उनके जिलों में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में सैम्पलिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने एएनएम, बीएलओ आदि के माध्यम से आईएलआई मरीजों का पता लगाने के लिए ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में घर-घर किए जा रहे सर्वे को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए ‘‘अर्ली डिटेक्शन-अर्ली ट्रीटमेंट’’ जरूरी है. उन्होंने कहा कि एक भी घर इस सर्वे में छूटे नहीं, आईएलआई रोगी या कोराना संक्रमण का संदेह होते ही मेडिकल किट के जरिए प्राथमिक उपचार शुरू करने एवं उसे कोविड कंसल्टेशन सेंटर जाने के लिए प्रेरित करें. उन्होंने सभी जिला कलेक्टरों से सर्वे के बारे में जानकारी ली.

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जिला कलेक्टर अन्तर सिंह नेहरा ने बताया कि किस प्रकार जयपुर में त्रिस्तरीय ‘‘डोर टू डोर’’ व्यवस्थित एवं प्रभावी सर्वे प्रारम्भ किया गया है, जिसे राज्यभर में एक माॅडल की तरह अपनाया गया. इसी तरह ‘‘मेरा गांव-मेरी जिम्मेदारी’’ माॅडल कोटपूतली से निकला, जहां पूर्व सरपंच, सरपंच, वार्ड पंच, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जैसे 10-15 जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों एवं गणमान्य व्यक्तियों के समूह और उनके व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर प्रशासन द्वारा निरंतर संवाद कायम किया गया. सीकर में प्रशासन एवं पुलिस के प्रयासों से एक भी कोविड पाॅजिटिव व्यक्ति ने क्वॉरेंटाइन अवधि में दिशा निर्देश का उल्लंघन नहीं किया है. झुंझनू में तीन दिवस तक ‘‘अपना गांव अपनी बीट’’ अभियान चलाकर क्विक सर्वे एवं हीलिंग टच से संवाद कायम कर संक्रमण रोकने के प्रयास किए गए.

यादव ने निर्देश दिए कि संभावित सुपर स्प्रेडर्स ग्रुप राशन एवं सब्जी दुकान, सर्वे संचालित कर रहे कार्मिकों का भी नियमित रूप से सैम्पल लिया जाए. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में तीसरी लहर की बात कही जा रही है. ऐसे में ऑक्सीजन, बेड, जीवन रक्षक उपकरणों, आवश्यक दवाओं की उपलब्धता के साथ सभी आवश्यक तैयारियां पूरी रखी जाएं. संभागीय आयुक्त ने कहा कि पिछले दिनों में आर्थिक गतिविधियां कम होने के कारण रोज खाने कमाने वाले कुछ जरूरतमंद लोगों के लिए समय कठिन हो सकता है. ऐसे में इंदिरा रसाई एवं भामाशाहों के सहयोग से भोजन की व्यवस्था के प्रयास भी किए जाएं. उन्होंने कई जिलों में कोविड प्रबन्धन के दौरान किए गए विशेष प्रयासों एवं नवाचारों के लिए जिला कलेक्टरों की तारीफ भी की.

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संभागीय आयुक्त ने आगामी दिनों में विवाह समारोहों के आयोजन और उनमें भीड़-भाड़ की संभावनाओं के प्रति सचेत रहने के निर्देश दिए. साथ ही सभी जिला कलेक्टरों गर्मी को देखते हुए जलप्रदाय योजना से जुडे़ पेंडिंग बिजली कनेक्शन का रिव्यू कर उन्हें जल्द प्रारम्भ करवाने के भी निर्देश दिए. आईजी हवासिंह घुमरिया ने संभाग के पुलिस अधिकारियों से कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के साथ ही अपराधों की रोकथाम के लिए भी सजग रहने की आवश्यकता है. संक्रमण में कमी के कारण सख्ती में कमी नहीं आनी चाहिए और मेरा गांव मेरी जिम्मेदारी जन अभियान को एक जन आन्दोलन बनाने के प्रयास करें. इस मौके पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त सेवाराम स्वामी भी उपस्थित रहे.

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