Black Fungus को लेकर क्या कहते हैं नेत्र चिकित्सक, जानिए
सूरत/भोपाल। डॉक्टरों के लिए इससे बदतर स्थिति कोई नहीं हो सकती, जब लोगों को आई ड्रॉप देने वाले डॉक्टरों को अपने मरीजों की आंखें निकालनी पड़ें. सूरत के तीन डॉक्टर ऐसे ही हालात से गुजर रहे हैं. सूरत के तीन नेत्र रोग विशेषज्ञों को कोरोना की दूसरी लहर में आये म्यूकोरमायकोसिस के कारण अपने 67 मरीजों की जान बचाने के लिए उनकी आंखें निकालने के लिए मजबूर होना पड़ा है. ईटीवी भारत ने सूरत में इस तरह की सर्जरी करने वाले डॉक्टरों से मौजूदा स्थिति के बारे में बात की. सर्जन डॉ. प्रियता सेठ, डॉ. सौरिन गांधी और डॉ. दिशांत शाह म्यूकोरमायकोसिस को मरीज के मस्तिष्क तक पहुंचने से रोकने के लिए दिन-रात इलाज कर रहे हैं. सूरत में ये केवल तीन डॉक्टर हैं, जिन्होंने इस तरह की सर्जरी की है.