Bhopal Gas Tragedy 1984: मानव इतिहास की सबसे खतरनाक गैस त्रासदी, सिर्फ बरसी पर ही क्यों आती है याद
भोपाल। मानव इतिहास की सबसे भयावह गैस त्रासदी को 37 साल(Bhopal Gas Tragedy 1984) पूरे हो गए हैं. हर साल आज के दिन फिर इसकी याद आती है. कुछ जगहों पर श्रद्धंजिल सभा हो जाती है. दिन बीत जाता है और फिर सरकारें उस भयानक गैस त्रासदी को भूल जाती है. (Bhopal Gas Tragedy anniversay)लेकिन पीड़ितों के आंसू बहते रहते हैं. उनके जख्म और हरे हो जाते हैं.(what happended that night in bhopa) सरकारें हर बार गैस पीड़ितों की मदद का दावा और वादा करती है, लेकिन जमीन पर कुछ होता नहीं है. 37 साल पहले, 2 दिसंबर, 1984 की रात को भोपाल में यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी से निकली 30 टन से ज्यादा निकली जहरीले गैस मिथाइल आइसोसाइनेट ने हजारों लोगों की जान ले ली थी. 37 साल बाद भी, गैस के संपर्क में आने वाले कई लोगों ने शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को जन्म दिया है. लोग दशकों से साइट को साफ करने के लिए लड़ रहे हैं.