विदिशा। देश के कई शहरों और गांवों में जल संकट का खतरा गहराता जा रहा है. विदिशा के वार्ड क्रमांक 39 टीलाखेड़ी में नगरपालिका के रोजाना दो से तीन टैंकर सप्लाई होते हैं, जिसके बावजूद क्षेत्र में पानी की कमी बरकरार है. गर्मी के चलते आगामी दिनों में शहर में पानी की डिमांड जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं
बूंद-बूंद को मोहताज विदिशा, शासन-प्रशासन के दावे फेल, कैसे सुलझेगी पानी की समस्या
कम बारिश की वजह से पानी की किल्लत मार्च महीने के अंत से ही लोगों को परेशान कर रही है. आने-वाले दिनों में हालात और भी चिंता जनक होने वाली है.
कम बारिश की वजह से पानी की किल्लत मार्च महीने के अंत से ही लोगों को परेशान कर रही है. जल स्तर काफी नीचे पहुंच चुका है. इससे शहर ही नहीं गांवों में भी पानी की समस्या खड़ी हो गई है. ये जल संकट की महज अभी शुरुआत ही है. आशंका जताई जा रही है कि आने-वाले दिनों में हालात और भी चिंताजनक होने वाली है. ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति को लेकर हुए प्रशासनिक इंतजाम कुछ खास कारगर साबित नहीं हो रहे हैं. विदिशा शहर की बात करें तो गांव से सम्मिलित हुआ वार्ड क्रमांक 39 टीला खेड़ी आज भी सरकारी योजनाओं से कोसो दूर है.
भले ही मुख्यमंत्री नल जल योजना में लाखों खर्च करने का दावा करते है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ ओर ही है. यहां ना तो पानी की पाइपलाइन डल पाई है, ना ही पानी की कोई ओर व्यवस्था है. शहर के कई गांव तो ऐसे हैं जहां रहवासी 4 से 5 किमी दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. सरकारी योजनाएं महज कागजों तक सिमट कर रह गई है. विदिशा के तहसील शमसाबाद में भी लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए करीब एक किमी तक का सफर तय करना पड़ता है.