विदिशा। ऐतिहासिक बेतवा नदी इन दिनों अतिक्रमण की चपेट में आ चुकी है. जो बेतवा कल तक खुल कर बहती थी, आज उसका रूप छोटा सा हो गया है. दिन पर दिन यह रूप छोटा ही होता जा रहा है. बेतवा नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए काम कर रहे संगठनों को अब बेतवा नदी की चिंता सताने लगी है. इसको लेकर संगठन के पदाधिकारियों ने कलेक्टर से मुलाकात की. इस दौरान नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग की.
बेतवा नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने की मांग, सामाजिक संगठनों ने कलेक्टर से की मुलाकात - विदिशा न्यूज
विदिशा में बेतवा नदी इन दिनों अतिक्रमण की चपेट में आ चुकी है. बेतवा को अतिक्रमण मुक्त ने लिए सामाजिक संगठनों ने कलेक्टर से मुलाकात की.
नदी को अतिक्रमण मुक्त कराने की उठी मांग
आस्था का केंद्र है बेतवा नदी
जिलेभर के लोगों के लिए बेतवा नदी आस्था का केंद्र है. नदी के साथ कई प्राचीन मंदिर भी स्थापित है. जब भी कोई बड़ा हो या छोटा धार्मिक आयोजन होता है, तो बेतवा घाट पर किया जाता है. अब यह घाट भी पूरी तरह से जर्जर होने लगे है. घाट भी प्राचीन काल से बने हुए हैं इन घाट को काले पत्थरों से बनाया गया है. अब यहां के लोग इन घाट की मरम्मत कराने की मांग कर रहे है.
बेतवा नदी खोती जा रही है अपना अस्तित्व
कभी बेतवा से रेत तो कभी विकास का नाम देकर उसके साथ छेड़छाड़ किया जा रहा है, जिससे नदी का अस्तित्व खोता जा रहा है. बेतवा नदी के चारों तरफ अतिक्रमण का जाल फैल चुका है. ऐसा नहीं है इस पूरे मामले पर प्रशासन को कोई जानकारी नहीं बल्कि जानबूझकर इसे अनदेखा कर दिया जाता है. अब पर्यावरण प्रेमियों ने बेतवा को अतिक्रमण मुक्त कराना चाहते हैं.