उमरिया। बिरसिंहपुर में मानवता शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है, पिछली सरकार में करोड़ों की लागत से दो आलीशान अस्पताल तो बन गए, पर शव वाहन की व्यवस्था नहीं की गई, जिसके चलते दुर्घटना या इलाज के दौरान मौत होने पर ग्रामीणों को शव लाने ले जाने के लिए नगर पालिका के कचरे वाहन का प्रयोग करना पड़ता है.
कचरे के वाहन में शव ले जाने को मजबूर ग्रामीण प्राइवेट वाहन मालिक शव ढोने के नाम पर मुंह मांगी रकम लेते हैं, जोकि गरीब परिवारों के लिए चुकाना मुश्किल होता है. जिसके चलते उन्हें शवों को कंधे पर लेकर जाना पड़ जाता है. जिला कोषाध्यक्ष सरजू प्रसाद अग्रवाल ने कहा कि समस्या गंभीर है, जब मृतक के परिजन शव को लाने-ले-जाने के लिए परेशान होते हैं तो शर्मिंदा होना पड़ता है. जिसको देखते हुए प्रशासन से इस संबंध में जल्द शव वाहन व्यवस्था कराए जाने की मांग की है.कांग्रेस के पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष संजीव खण्डेलवाल ने कहा कि बीते 15 सालों से बीजेपी की सरकार रही है, अभी भी बीजेपी के विधायक मीना सिंह हैं, जो ऐसे मुद्दों को लेकर संवेदनशील नहीं है. बीते दिन प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने कार्यालय में एक पत्र प्रेषित किया था, आगे भी प्रयास जारी रहेगा कि जल्द पाली में शव वाहन की व्यवस्था किया जाए.बीएमओ डॉक्टर वीके जैन का कहना है कि उन्होंने पूर्व से ही शासन-प्रशासन को पत्र लिखकर अवगत कराया है, लेकिन अब तक शव वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई है. बीते माह नगर के युवा समाजसेवियों ने कलेक्टर से शव वाहन उपलब्ध कराने को लेकर ज्ञापन भी सौंपा है, लेकिन कोई सार्थक पहल अब तक नहीं की गई.