उज्जैन।मंगलवार को संकटा गणेश चतुर्थी मनाया जा रहा है. उज्जैन से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भगवान चिंतामण गणेश मंदिर में तिल चतुर्थी को बड़े धूम धाम से मनाया गया (Ujjain chintaman ganesh temple). मंदिर के पुजारी शंकर गुरु ने बताया कि, हर साल तिल महोत्सव चिंतामण गणेश मंदिर में मनाया जाता है. मंगलवार को सुबह 4 बजे मंदिर के कपाट खुले. इसके बाद भगवान का पंचामृत पूजन अभिषेक हुआ. इसमें 11 प्रकार के फलों का उपयोग हुआ और रक्त चंदन से विशेष श्रृंगार किया गया. इसके साथ ही 56 प्रकार का महाभोग भगवान को लगाया गया.
तिल गुड़ का महत्व:पुजारी ने बताया कि, संकटा गणेश चतुर्थी के दिन विशेष कर भगवान को गुड़ और तिल का भोग लगाया जाता है. तिल कुट्टी के रूप में कामना कर भोग लगाया जाता है. हर साल भगवान को सवा लाख लड्डुओं का भोग लगता है, लेकिन मंदिर में निर्माण कार्य के चलते इस साल सवा 11 सौ लड्डुओं का भोग लगाया गया. भगवान मंदिर में चिंतामण, इच्छामण और सिद्धि विनायक रूप में विराजमान हैं(chintaman ganesh temple worship on sankata). मान्यता है कि गुड़ और तिल का भोग लगाने से इच्छा पूरी, चिंता दूर और हर कार्य सिद्ध होते हैं. मंदिर के पुजारी ने यह भी बताया कि साल में 24 चतुर्थी में से 4 चतुर्थी विशेष होती है, जिसमें से महा-मास में आने वाली तिल चतुर्थी पर मनोस्तिथि के लिए भगवान को तिल और गुड़ का भोग लगाया जाता है. इस दिन सभी रुके हुए कार्यों को सिद्ध करने के उद्देश्य से महिलाएं व्रत कर इसे मनाती हैं.