उज्जैन। आज के युग में कंप्यूटर के बिना, कागजों पर किसी रिकॉर्ड को संभालकर रखना मुश्किल है, लेकिन कर्मकांड और श्राद्ध पक्ष में पूजा करवाने वाले शहर के तीर्थ पुरोहित, सिद्धनाथ घाट पर उनके यजमानों की कई पीढ़ियों के नाम व गोत्र चुटकियों में बता देतें हैं. लोगों के पास भले ही खुद की 10 पीड़ियों के रिकॉर्ड न हो, इन पुरोहितों के पास सब मौजूद है.
तीर्थ पुरोहितों के पास है लोगों का इनसाइक्लोपीडिया, बता देते हैं 10 पीढ़ियों के नाम - ujjain
उज्जैन के शिप्रा नदी किनारे सिद्धनाथ घाट पर तीर्थ पुरोहत बिना तकनीक का सहारा लिए पोथियों में लोगों के कई पीढ़ियों के रिकॉर्ड रखते हैं. जो अपने आप में अनोखी बात है.
बता दें शहर में शिप्रा नदी के सिद्धनाथ घाट पर न केवल श्राद्ध पक्ष में बल्कि आम दिनों में भी मुंडन संस्कार और पूजन के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. लोग जो भी पूजन-हवन करवाते यहां के पुरोहित उसका पूरा रिकॉर्ड रखते हैं. जिसमें जिला, गांव, गोत्र जैसी जानकारियां शामिल होती हैं.
तीर्थ पुरोहित राजेश त्रिवेदी ने ईटीवी से बात करते हुए रिकॉर्ड रखने की पूरी प्रकिया बताई. उन्होंने बताया कि यहां 263 तीर्थ पुरोहित परिवार हैं. जिनके पास यहां आकर पूजन करवाने वालों का रिकार्ड मौजूद होता है. ऐसी ही जानकारी लेने आए एक शख्स को तीर्थ पुरोहित ने 1565 संवत से लेकर आज तक उसकी सभी पीड़ियों की जानकारी दे दी. पंडित राजेश त्रिवेदी ने बताया कि ये व्यवस्था सभी तीर्थ स्थलों पर मौजूद होती है. तीर्थ पुरोहित समय-समय उनकी पोथियों को अपडेट भी करते हैं.