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गांव के लाल ने किया ऐसा आविष्कार, जो आज बनाएगा खुशहाल, कल भी संवारेगा

जिले के रीछ गांव के जितेंद्र चौधरी ने जो कर दिखाया है. वो बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी नहीं कर सके. जितेंद्र ने एक ऐसा वाटर प्यूरीफायर तैयार किया है, जो एक बार उपयोग किये जाने वाले पानी को दोबारा उपयोगी बना देता है.

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Published : Jul 2, 2019, 11:46 PM IST

Updated : Jul 2, 2019, 11:53 PM IST

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उज्जैन। जल है तो कल है, जल नहीं तो जीवन नहीं, इसी जल की एक-एक बूंद बचाने की इंसान जद्दोजहद कर रहा है, जबकि हर बूंद को शुद्ध करना भी बड़ी चुनौती है. महंगाई के इस दौर में जितेंद्र चौधरी ने मुफ्त में पानी को शुद्ध करने और दोबारा उसे उपयोगी बनाने का इंतजाम कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है. जिसकी चौतरफा तारीफ हो रही है.

जितेंद्र चौधरी ने जो कर दिखाया है वो बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी नहीं कर सके

कहते हैं कुछ कर गुजरने का जुनून हो तो रास्ता आसान हो जाता है. बस जरूरत होती है तो सिर्फ दृढ़ इच्छा शक्ति की. इसी इच्छा शक्ति से रीछ गांव के जितेंद्र चौधरी ने जो कर दिखाया है. वो बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी नहीं कर सके. जितेंद्र ने एक ऐसा वाटर प्यूरीफायर तैयार किया है, जो एक बार उपयोग किये जाने वाले पानी को दोबारा उपयोगी बना देता है. जिसमें बिजली की कोई जरूरूत नहीं पड़ती है. 5 साल की मेहनत के बाद जल को शुद्ध करने वाले इस यंत्र को जितेंद्र ने आखिरकार तैयार कर ही दिया.

एमआईटी कॉलेज से इंजीनियरिंग कर रहे जितेंद्र चौधरी को इस यंत्र के लिये एकलव्य, द्रोणाचार्य, यंगेस्ट साइंटिस्ट जैसे कई अवार्ड मिल चुके हैं. जितेंद्र बताते हैं कि दूषित जल संकट से निपटने के उद्देश्य से उन्होंने शुद्धम को तैयार किया है. शुद्धम के सफल प्रयोग के बाद जितेंद्र ऐसा यंत्र तैयार करना चाहते हैं, जो कम लागत में पानी को पूरी तरह फिल्टर कर पीने योग्य बना सके.


शुद्धम आधी लागत से भी कम कीमत में करीब एक लीटर पानी साफ करने के अलावा एक दिन में 500 लीटर से ज्यादा गंदे पानी को साफ कर सकता है. 5 हजार रुपये की लागत वाले इस यंत्र को जितेंद्र ने पेटेंट कराने के बाद इसकी राजस्थान और उत्तराखंड में यूनिट भी शुरू कर दिया है. जितेंद्र की इस सफलता में कॉलेज का भी उन्हें पूरा साथ मिला है.

गांव के इस युवा की कामयाबी से न सिर्फ कॉलेज प्रबंधन खुश है, बल्कि जितेंद्र का हौसला और कॉन्फिडेंस भी बढ़ा हुआ है. हिंदुस्तान की आत्मा गांवों में बसती है और उन्हीं गावों से निकलते हैं ऐसे गुदड़ी के लाल, जिनके हुनर को दुनिया करती है सलाम.

Last Updated : Jul 2, 2019, 11:53 PM IST

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