उज्जैन।शहर के विक्रम विश्वविद्यालय में प्रदेश सरकार ने धारा 52 लगाकर विश्वविद्यालय की सभी प्रशासनिक व्यवस्थाएं अपने अधीन कर ली हैं. सरकार के इस कदम के पीछे की वजह विश्वविद्यालय में जारी गड़बड़ी को बताया जा रहा है. बता दें कि यह विश्वविद्यालय किताब खरीदी और निजी कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया के निर्णयों से विवादों में रहा है.
विश्वविद्यालय में हुई किताब खरीदी के मामले में गड़बड़ी की शिकायत करीब दो साल पहले सामने आई थी. इसी तरह आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में हुई धारा 28 के तहत शिक्षक नियुक्ति के मामले ने भी खासा तूल पकड़ा था. इन सभी मामलों की जांच हाईकोर्ट के आदेश पर हुई थी, जिसमें जांच प्रतिवेदन का अंतिम आदेश आने से कुछ दिन पहले ही विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसएस पांडे ने इस्तीफा दे दिया था, जबकि पांडे का कार्यकाल 30 मई तक था. ऐसे में इन सभी मामलों में विश्वविद्यालय की प्रशासन व्यवस्था संदेह के घेरे में आ गयी थी.