उज्जैन| नर्मदा का पानी क्षिप्रा नदी में छोड़ने के बदले नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) ने उज्जैन नगर निगम आयुक्त को 220 करोड़ 84 लाख रुपए का बिल भेजा है. बिल 22 रुपए 60 पैसे प्रति घन मीटर जल की दर से उज्जैन को 1 फरवरी 2014 से 31 जनवरी 2019 तक मुहैया कराए 97.72 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का है.
क्षिप्रा को नर्मदा का पानी देने के बदले एनवीडीए ने उज्जैन नगर निगम को थमाया 220 करोड़ का बिल - एनवीडीए ने जारी किया 220 करोड़ का बिल
नर्मदा का पानी क्षिप्रा नदी में छोड़ने के बदले नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) ने उज्जैन नगर निगम आयुक्त को 220 करोड़ 84 लाख रुपए का बिल भेजा है. बिल 22 रुपए 60 पैसे प्रति घन मीटर जल की दर से उज्जैन को 1 फरवरी 2014 से 31 जनवरी 2019 तक मुहैया कराए 97.72 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी का है.
दरअसल 5 साल पहले क्षिप्रा को प्रवाहमान बनाने के लिए प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार ने 5 साल पहले 432 करोड़ रुपए का खर्च कर नर्मदा को क्षिप्रा से जोड़ा था. 16 फरवरी 2014 को जब नर्मदा क्षिप्रा लिंक परियोजना का लोकार्पण हुआ था, तब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि इस संगम से मालवा अंचल की धरती समृद्ध होगी. पिछले 5 सालों में नर्मदा का 97.72 एमसीएम पानी शिप्रा नदी में छोड़ा गया. नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की ओर से जारी बिल का नगर निगम को शीघ्र भुगतान करना होगा. बिल देखकर महापौर और अन्य अधिकारी के होश उड़ गए हैं.
बताया जा रहा है कि उज्जैन का पानी का बिल अब तक के इतिहास में सबसे भारी भरकम बिल है. वहीं नगर निगम महापौर का कहना है कि हम बदली हुई सरकार से बात करेंगे, क्योंकि यह पानी आम जनता के हित के लिए मंगाया गया था और नगर निगम अभी इतनी राशि चुकाने की स्थिति में नहीं है.