उज्जैन। विजय दशमी पर जहां देश में जगह-जगह रावण का पुतला दहन किया जा रहा है, वहीं उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय लंकेश परिषद के सदस्य रावण की पूजा कर महा आरती करते हैं. यहां तक कि आज के दिन को रावण की पुण्यतिथि के रूप में भी मनाते हैं. ये सिलसिला करीब 28 साल से चलता आ रहा है.
हर साल विजय दशमी पर यहां मनाई जाती है रावण की पुण्यतिथि, होती है आरती - Vijayadashami
उज्जैन में पिछले 28 सालों से अंतरराष्ट्रीय लंकेश परिषद विजयदशमी को रावण की पुण्यतिथि के रूप में मनाता आ रहा है. लंकेश परिषद के संस्थापक पंडित सुनील शर्मा इस दिन रावण की महाआरती कर पूजा-अर्चना करते हैं.
उज्जैन के क्षीरसागर क्षेत्र में रहने वाले पंडित सुनील शर्मा के घर में रावण की पूजा होती है. रावण की आरती पिछले 28 सालों से दशहरे के मौके पर करते आ रहे हैं. अब युवा भी लंकेश परिषद से जुड़ने लगे हैं और एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय लंकेश परिषद का गठन कर चुके हैं. दशहरे पर रावण की महाआरती की गयी और भजन भी गाये गए.
सुनील शर्मा का मानना है कि रावण जैसे महाविद्वान ब्राह्मण का इस तरह से दहन करना किसी शास्त्र में नहीं लिखा है. रावण परम ज्ञानी और त्रिलोक विजेता पराक्रमी हैं. आज कल जिस तरह रावण को जलाया जा रहा है, वो गलत है और अंतरराष्ट्रीय लंकेश परिषद इसकी घोर निंदा करता है.