टीकमगढ़। जिले में बना बगाज माता का मंदिर में ऐसा ही चमत्कार होता है. जहां मां लोगों का जहर चंद मिनिटों में चूसकर उन्हें ठीक कर देती हैं. बगाज मांता मंदिर में सांप, बिछु, गोयरा, कुत्ता, सियार, सहित अन्य जहरीले जानवरों के काटने पर मंदिर में पहुंचते हैं. मान्यता है कि बगाज माता उनका जहर चूस कर पीड़ित को ठीक कर देती हैं.
जहर चूसने वाली माता का अनोखा मंदिर, जाने इस चमत्कारी मंदिर की पूरी कहानी
ज्ञान देने वाली सरस्वती मां, वैभव देने वाली लक्ष्मी मां, संकट हरने वाली शारदा मां और दुष्टों का संघार करने वाली काली मां के बारे में तो आपने सुना ही होगी. लेकिन क्या आपने जहर चूसने वाली माता के बारे में सुना है.
कैसे होता है चमत्कार
पीड़ित भक्त माता के दरबार में आते हैं और माता के पांच परिक्रमा लगाते हैं. इसके बाद माता अदृश्य रूप में जहर चूसकर उसको ठीक कर देती है. लोगों का मानना है कि जो जहर डॉक्टर भी उतार नहीं पाते वह माता के दरबार में आने से ठीक हो जाता है. जहर चूसने वाली माता अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाती है. यहां जहर चूसने के अलावा मां अपने भक्तों की मांगी हुई हर मुराद पूरी करती हैं.
कैसे हुई थी मंदिर की स्थापना
कहा जाता है कि यह मंदिर 400 साल पुराना है. बगाज माता सैकड़ों साल पहले पहाड़ी पर जंगल मे विराजित थी. माता ने एक रामकुमार नापित को स्वप्न दिया था कि उन्हे जंगल से उठाकर मंदिर में विराजित किया जाए. नापित ने यह बात गांव के लोगों को बताई. इसके बाद राजकुमार में माता की मूर्ती को जंगल से उठाकर मंदिर में विराजित किया. तभी से माता अपने भक्तों की हर समस्या और परेशानी को दूर कर रही है. देवी का यह दरबार आज भी भक्तों की आस्था का केंद्र है, जहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है.