टीकमगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के भतीजे राहुल सिंह ने टीकमगढ़ जिले में प्रशासनिक सिस्टम की पोल खोल दी है. विधायक राहुल सिंह लोधी ने खुद की सरकार में हो रहे भृष्टाचार को उजागर किया है. उन्होंने जिला अस्पताल में लंबे समय से दलालों के फैले जाल और की जा रही लूट खसोट के मामले को आखिर सुर्खियों में ला ही दिया है. राजनैतिक संरक्षण में पलने वाले इस भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उमा भारती के भतीजे और खरगापुर क्षेत्र के विधायक राहुल सिंह ने उठाते हुये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. बीजेपी विधायक ने अस्पताल में फैले दलालों और अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच चली आ रही सांठगांठ पर भी अंकुश लगाने पर जोर दिया है. यदि यहां निष्पक्ष जांच कर दोषियों से पूछताछ की जाती है, तो भ्रष्टाचार और मरीजों के लूट करने वालों की लंबी फेहरिस्त निकलने के आसार हैं.
वेतन और अन्य योजनाओं में अनियमित्ताओं के आरोप
फिलहाल जो भी हो, लेकिन इतना तय है कि इस दलाली में हाथ काले करने वालों के चेहरे बेनकाब होना मुश्किल ही है. विधायक राहुल सिंह क्षेत्र के एक बजनदार विधायक माने जाते हैं, अब देखना है कि वह इस कार्रवाई को करा पाने में कहा तक कामयाब होते हैं. मुख्यचिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की जिला औषीधि भंडार शाखा में नियमित फार्मासिस्ट पदस्थ होते हुए भी स्टोर और क्रय शाखा का प्रभार संविदा फार्मासिस्ट को दिया गया. उसके द्वारा वेतन निकालने के साथ अन्य योजनाओं में अनियमित्ताएं की जा रही है. ऐसा आरोप विधायक राहुल सिंह ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में लगाया है. साथ ही उन्होंने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि दलाल मोनू खां और डाटा एंट्री ऑपरेटर प्रदीप राय के साथ मिलकर खरीदी में अनियमित्ताएं की गई है. जिसमें स्वास्थ्य विभाग की सामग्री को बाजार के रेटों से कई गुना बढ़ाकर खरीदी गई है.
बिना लायसेंस और जरूरी दस्तावेज वाली कम्पनियों से खरीदी सामग्री
जिला औषिधि भंडार की खरीद की जांच कर दोषियों पर अपराधिक मामला दर्ज किया जाए. जिसके लिए खरगापुर विधायक राहुल सिंह लोधी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री को दिए पत्र में बताया कि कोरोना की दूसरी लहर फरवरी से आज तक चल रही है. इसके बाद भी शासन के नियमों के खिलाफ ऐसी कम्पनियों से सामग्री खरीद की गई. जिनके पास ना तो लायसेंस है और ना ही जरूरी दस्तावेज. उनका कहना था कि बाजार में पल्स ऑक्सी मीटर, थर्मा मीटर पांच सौ से एक हजार रुपए में मिल जाते हैं, लेकिन उनकी खरीदी 17 सौ से 18 सौ रुपए के साथ अन्य खरीदी भी कई गुने दामों में खरीदी गई है. खरीदी में टेंडर की शर्तो की प्रक्रिया का पालन न करके मनमाने तरीके मनचाही फर्म बालाजी इंटर प्राइजेज, आयशा मेडिकल एजेंसी के साथ अन्य फर्मो से खरीदी की गई है. औषिधि सामग्री कॉपरेशन से जो दवाएं मुफ्त में उपलब्ध होती है. लेकिन इनके द्वारा वहीं दवाइयां को ओपन बाजार में बिना टेंडर के ऊंचे दामों क्रय किया गया है.