टीकमगढ। वीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बेटियों को सम्मानित किया गया. महिला बाल विकास ने कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें महिलाओं और बेटियों को लेकर जागरूक करने पर जोर दिया गया और बेटियों को आगे बढ़ाकर पढ़ाने की बात कही गई.
वीरांगना झलकारी बाई जयंती पर प्रतिभाशाली बेटियों को किया गया सम्मानित
टीकमगढ जिले में वीरांगना झलकारी बाई की जंयती पर पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत बेटियों को सम्मानित किया गया.
कार्यक्रम में मौजूद जिला न्यायालय के जज राजीव श्रीवास्तव ने मंच से महिलाओं को समझाया कि लैंगिक अपराध क्या है और पाक्सो एक्ट की शिकायत कहां करें. कार्यक्रम में खेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, आंगनवाड़ी और पोषण को लेकर जिन बेटियों ने बेहतर काम किया है उनको मंच से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में शिवानी खेवरिया, पुनम जायसवाल, सुषमा सिंह बुंदेला सहित सैकड़ों की संख्या में आगनवाड़ी कार्यकर्ता और महिलाएं शामिल रहीं.
कौन थीं झलकारी बाई?
रानी लक्ष्मी बाई की नारी सेना में वीरांगना झलकारी बाई एक वीर और साहसी योद्धा थीं. झलकारी बाई ने लक्ष्मीबाई के साथ मिलकर अंग्रेजों से लड़ाई की थी. झलकारी बाई, रानी लक्ष्मी बाई की हमशक्ल थीं. इसलिए अंग्रेज उन्हे रानी लक्ष्मी बाई समझ लेते थे. झलकारी बाई अदम्य साहस के साथ अंतिम सांस तक जंग लड़ती रहीं.