टीकमगढ़। दिव्यांगों की समस्याएं निपटाने के लिए आयुक्त निशक्तजन भोपाल ने विशाल दिव्यांग चलित न्यायालय (मोबाइल कोर्ट) का आयोजन किया. जिसमें भोपाल से आये निशक्तजन आयुक्त संदीप रजक ने दिव्यांगों की समस्याएं सुनी और उनकी समस्याओं का निराकरण किया जाएगा.
गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम में दिव्यांगों को जो आरक्षण का लाभ दिया जाता है. उसके लिए मोबाइल कोर्ट भोपाल में है, लेकिन भोपाल दूर होने के कारण दिव्यांगों को आने जाने में दिक्कत होती थी, जिसे देखते हुए जिले में पहली बार ये कोर्ट लगाया गया. कोर्ट में 75 दिव्यांगों ने अपने पंजीयन करवाकर अपनी-अपनी समस्याएं रखी. जिसमे सबसे ज्यादा रोजगार ओर स्वरोजगार के 38 शिकायतें दर्ज हुईं.
मोबाइल कोर्ट में दिव्यांग बोर्ड लगाकर दिव्यांगों को प्रमाण पत्र जारी किए गये और स्कॉलरशिप, स्वरोजगार, रोजगार के साथ ही सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के आरक्षण को लेकर भी बातचीत की गई. इस दौरान कई दिव्यांगों ने नौकरी तो कुछ ने स्वरोजगार की बात की. एक दिव्यांग के किराना दुकान की मांग करने पर आयुक्त ने सम्बंधित विभागों के अधिकारियों को दिव्यांगों को योजनाओं का लाभ देने के निर्देश भी दिए.
आयुक्त ने कहा कि मध्यप्रदेश में दिव्यांगों को रोजगार और स्वरोजगार में 6 प्रतिशत का आरक्षण रहता है, लेकिन कभी-कभी उनको लाभ नहीं दिया जाता और उसके लिए चलित कोर्ट लगाकर दिव्यांगों की सहायता की जाती है. यदि कोई निशक्तजन-निशक्तजन से शादी करता है तो उसको एक लाख रुपये और यदि कोई साधारण व्यक्ति किसी दिव्यांग से शादी करता है तो उसको प्रोत्साहन के रूप में दो लाख रुपये दिया जाता है. इस तरह से दिव्यांगों के लिए तमाम योजनाएं चलाई जाती है.