टीकमगढ़। जिले में भले ही 6 माह बाद सड़कों पर बसें दौड़ने लगी हों, लेकिन बस संचालकों को कोई फायदा नहीं हुआ और जिले की सारी बसें घाटे में चल रही है, क्योंकि अभी बसों में मुसाफिर सफर करने से डर रहे हैं और लोगों को डर सता रहा है कि कहीं बसों में सफर करने से वे कोरोना से संक्रमित न हो जाएं. इसी के चलते बसें खाली चल रही हैं, जिस बस में 60 से 70 यात्री सफर करते थे, उसमें आज 5 से 10 मुसाफिर दिख रहे हैं.
अभी भी काफी लोगों को पता नहीं चला है कि बसें चल रही हैं. लगातार कोरोना संक्रमण के चलते मार्च माह से सारी बसों को बंद कर दिया गया था और फिर लगातार बसें बंद रहीं, जब सरकार ने बस सुविधा बहाल करने के लिए कहा तो बस ऑनर्स बीते पांच माह का अपना टैक्स माफ कराने की बात पर अड़े रहे. अनलॉक के बाद भी बस सेवा शुरू नहीं हो सकी. बस मालिक और प्रदेश सरकार के बीच टैक्स को लेकर तनातनी चलती रही लेकिन, उपचुनाव को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने बस संचालकों की सुनी और पांच माह का टैक्स माफ कर दिया.