झाबुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 तक गरीबों और आवासहीन लोगों को पीएम आवास योजना के तहत लाभांवित लाकर पक्का मकान देने का लक्ष्य रखा है. मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में हजारों जनजाति समुदाय के लोगों के साथ गरीब लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने के लिए चयनित किया गया है. वहीं जिले में पहले से इस योजना के पात्र हितग्राहियों को दी जाने वाली राशि की किश्त समय पर नहीं मिलने से पीएम आवास के मकान अधूरे पड़े हैं.
झाबुआ : PM आवास योजना का पैसा अब तक नहीं मिला, जानें अधूरे पड़े मकानों की क्या है हकीकत
झाबुआ जिले में पीएम आवास योजना के तहत हजारों जनजाति और गरीबों को लाभ देने के लिए चिन्हित किया गया है, लेकिन जिले में पहले से बन रहे पीएम आवास अब भी अधूरे पड़े हैं. वहीं हितग्राहियों को योजना का पूरा पैसा अब तक नहीं मिला है.
सरकार कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को पक्की छत देने के लिए इस योजना के तहत पात्र लोगों का चयन कर उन्हें किश्तों के माध्यम से मकान बनाने के लिए राशि दे रही है. मेघनगर विकासखंड के सजेली मालजी के कपिल बालू डामोर को अमीर नगर जनपद ने प्रधानमंत्री आवास के लिए चुना था. योजना के तहत कपिल बालू डामोर को एक लाख 48 हजार रुपए मिलना था, लेकिन उसे मजदूरी सहित 1 लाख 10 हजार ही दिए गए हैं.
ग्राम पंचायत सजेली मालजी साथ के रिकॉर्ड में कपिल का मकान पूरा बता दिया है. ग्राम पंचायत ने मकान के बाहरी दीवार को सफेद रंग से रंगकर योजना की जानकारी भी अंकित कर दी. जानकारी में 2018-19 में उसे एक लाख 48 हजार की राशि का लाभ मिलना बताया गया, जबकि हकीकत में उसे उतनी राशि नहीं मिली है. जिसके चलते वह अपना मकान पूरा नहीं बना पाया. ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनने वाले आधे अधूरे मकानों को पूर्ण बताकर राशि निकाली जा रही है. ऐसे में इस तरह के मामले झाबुआ जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना की हकीकत बयां कर रहे हैं.