टीकमगढ़।गर्मी का सीजन शुरू होते ही बुंदेलखंड में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है. कई गांवों में लोग पानी की एक-एक बूंद को तरस जाते हैं. ऐसा ही हाल है जिले के अटरिया गांव का, जो एमपी-यूपी बॉर्डर से लगा हुआ है. यहां पानी की समस्या इतनी भयानक है कि, लोग पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के पथराई गांव से पानी लाने को मजबूर हैं. इस गांव में करीब 300 परिवार रहते हैं, सभी परिवारों का यही हाल है.
मध्यप्रदेश की 'प्यासी बस्ती', जल संकट ऐसा कि उत्तर प्रदेश से लाना पड़ता है पानी - pathrai village of Uttar Pradesh
टीकमगढ़ जिले के अटरिया गांव की आदिवासी बस्ती में लोग पानी के लिए तरस रहे हैं. इन्हें पानी भरने के लिए उत्तर प्रदेश के पथराई गांव जाना पड़ता है.
कहने को तो गांव में तीन-चार हैंडपंप हैं, लेकिन ज्यादातर खराब पड़े हुए हैं और जो चालू भी हैं उनका जलस्तर गर्मियों में कम हो जाता है. ऐसे में लोगों को भीषण जलसंकट का सामना करना पड़ता है. गांव में पानी नहीं होने पर लोग तालाबों में नहाकर आते हैं. वहीं पीने के पानी के लिए दो किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश के पथराई गांव जाना पड़ता है. इसके लिए गांव में कोई साधन भी नहीं है. कोई साइकिल से पानी ढोता है, तो कोई सिर पर गागर लिए पैदल ही पानी भरने जाता है. ग्रामीणों का कहना है कि मजबूरी है, जब पानी नहीं रहेगा तो क्या करेंगे.
अटरिया गांव की इस बस्ती में नल जल योजना के तहत पाइप लाइन तो बिछ गई है. लेकिन इस बस्ती का कनेक्शन कटा हुआ है, सिर्फ रसूखदारों की बस्ती में ही पानी पहुंचता है. वहीं मामले को लेकर जनपद पंचायत सीईओ गौरव खरे ने जल्द ही जांच करने की बात कही है.