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शौचालय निर्माण में हुआ जमकर भ्रष्टाचार, लोग खुले में जाने को मजबूर

जिले में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण तो कराया गया, लेकिन वो पूरी तरह से गुणवत्ताविहीन है. शौचालयों में न दरवाजे हैं और न पानी. ऐसे में लोग आज भी खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं.

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Published : Sep 9, 2019, 12:34 PM IST

शौचालय निर्माण में हुआ जमकर भ्रष्टाचार

सिंगरौली को खुले में शौचमुक्त किया गया था, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है. दरअसल जिले की सभी 315 ग्राम पंचायतों में 1.5 लाख के करीब शौचालयों का निर्माण करने का लक्ष्य तय किया गया था, यानि किसी को भी शौच के लिए बाहर नहीं जाना पड़े, लेकिन सच तो ये है कि गांवों में बने शौचालय बिना इस्तेमाल किए ही जर्जर हो चुके हैं. लोग आज भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं.

शौचालय निर्माण में हुआ जमकर भ्रष्टाचार

बैढ़न में जब हमारे संवाददाता ने पड़ताल की, तो गांव के करीब दर्जनभर लोग हाथ में डिब्बा लेकर शौच के लिए जाते मिले. शहर स्थित एनसीएल ग्राउंड में भी कुछ लोग शौच करते देखे गए. पूछताछ में लोगों ने बताया कि शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है और जो हुआ भी है, तो वो जाने लायक ही नहीं है. घटिया सामग्री लगाकर केवल खानापूर्ति की गई है. ऐसे में खुले में शौच जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रशासन हजारों व्यक्तिगत शौचालय बना चुका है, पर सभी गुणवत्ताविहीन हैं.

लोगों का कहना है कि 12 हजार रुपए में से सिर्फ 3 से 4 हजार रुपए खर्च कर ठेकेदारों ने शौचालय बनाने के नाम पर खानापूर्ति की है. शौचालय में न दरवाजा लगा है और ना ही पानी की सुविधा है. गड्ढे की गहराई भी एक मीटर है. घटिया ईंटों का इस्तेमाल किया गया है.

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