सिंगरौली। गर्मी के चलते कई जगहों पर आग लगने की घटनाओं में इजाफा हो जाता है, वहीं जिले में तीन विधानसभाओं में सिर्फ दो ही अग्निशमन केंद्र है. जिले में कहीं भी आग लगने पर लोगों को उम्मीद होती है कि अग्निशमन द्वारा आग पर काबू पाया जाएगा. वहीं महज दो ही अग्निशमन केंद्रों पर पुरे जिले की जिम्मेदारी है.
दो अग्निशमन केंद्रों के भरोसे पूरा जिला, सुविधा मिलने के पहले ही सब हो जाता है खाक
जिले में दो ही अग्निशमन केंद्र है, गांव में लोगों को किसी भी प्रकार की अग्निशमन की सुविधा शासन ने उपलब्ध ही नहीं कराई है. जिसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
देवसर विधानसभा के आखिरी गांव में लोगों को किसी भी प्रकार की अग्निशमन की सुविधा शासन ने उपलब्ध ही नहीं कराई है. जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार विधायक, सांसद और जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद ग्रामीणों को आग लगने पर कुएं और हैंडपंप का सहारा लेना पड़ता है. वहीं खेतों में आग लगने पर जब तक ग्रामीण आग पर काबू पाते है, तब तक सबकुछ जलकर खाक हो जाता है.
बता दे कि जिले के अग्निशमन केंद्र को सूचना मिलती भी है, तो सिंगरौली मुख्यालय से चितरंग और देवसर जाने में करीब 2 से 3 घंटे का समय लगता है. तब तक आग में जलकर सबकुछ खाक हो जाता है. मामले में कलेक्टर से बात करने पर कलेक्टर केवीएस चौधरी ने मामले में ध्यान देते हुए काम करने की बात कही.