सिंगरौली।प्रदेश के मुखिया अपनी सभाओं में लगातार लोगों को निजी कंपनियों में 75% नौकरी दिलाने का वादा करते हैं, लेकिन जिले के विस्थापित किसानों का आरोप है कि भूमि अधिग्रहण के बाद भी उन्हे नौकरी नहीं मिल रही है. मामला गोरबी का है, जहां 20 साल पहले एनसीएल ने भूमि अधिग्रहण किया गया था. लेकिन लोगों का आरोप है कि उन्हे अभी तक नौकरी नहीं मिली. जिससे गोरबी निवासी अमरनाथ साहू अपने परिवार के साथ गरीबी में जीवन जीने को मजबूर हैं.
विस्थापित किसानों का दर्द, नहीं हो रही सुनवाई
एमपी में निजी कंपनियों में 75% नौकरी स्थानीय लोगों को दिलाने का झुनझुना सरकार लोगों को पकड़ाती रही है. लेकिन जिले के विस्थापित किसानों का दर्द इस बात को लेकर है कि भूमि अधिग्रहण के बाद भी उन्हे नौकरी नहीं मिल रही.
किसान भूखे रहने को मजबूर
उन्होंने जिला प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई बार जिला कलेक्टर से कंपनियों द्वारा उन्हें नौकरी नहीं देने की शिकायत की गई, लेकिन इसके बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दे रहा. साथ ही उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन से शिकायत के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. केवल नाम मात्र का आश्वासन मिलता है. वहीं पुलिस ने उन्हें प्रशासन के सामने अपनी बात रखने की हिदायत दी है.