सीधी।पूर्व समय में सीधी सिद्धभूमि मानी जाती थी, जहां कई मुनियों द्वारा तप किया गया, वहीं जिले के बीच से बहने वाली जीवनदायिनी सूखा नदी का उद्गम चुन्हा गांव से हुआ. जोकि 25 किमी का सफर तय कर सोन में समाहित होती है. इस प्रतापी नदी का जल लोगों की आस्था से कई वर्षों से जुड़ा है. इस नदी में नहलाने से बच्चों को गंभीर रोग से छुटकारा मिलता है. हालांकि डॉक्टर द्वारा ऐसा होना सिरे से नकार दिया गया, जबकि वरिष्ठ समाजसेवी द्वारा इस मान्यता को सही माना गया.
डॉक्टर ने बताया अंधविश्वास
जिले के डॉक्टर की माने तो यह अंधविश्वास है. उनका कहना है कि समय-समय की बात है. पहले की नहीं जानता कि सूखा नदी के उद्गम की क्या कहानी है. अब सूखा नाले में परिवर्तित हो चुकी है. पहले नदियों से साफ पानी बहा करता था, हम सब के पूर्वज नदियों में स्नान किया करते थे. उन्होंने, फिलहाल की स्थिति पर बात करते हुए कहा, शहर के सीपेज का गंदा पानी, गंदगी, नगरपालिका का सुपरविजन नाला बन गया है. अगर उसमें हम बच्चों को नहला रहे हैं. यह गलत है सहमत नहीं हूं. बच्चों में फंगस वायरस है हमारे अंदर अंधविश्वास और ज्ञान की कमी है.