शाजापुर। हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को शासकीय और अर्द्धशासकीय कार्यालय के करीब 150 राष्ट्रीय ध्वज को धोने और चमकाने का कार्य शहर के वर्मा परिवार द्वारा नि:शुल्क रूप से किया जा रहा है. वैसे तो ये एक सामान्य लांड्री है. अन्य लांड्रियों की तरह यहां पर भी कपड़ों की धुलाई, ड्रायक्लिन, प्रेस की जाती है, लेकिन इस दुकान के संचालक का देशभक्ति का जज्बा इसे अन्य दुकानों से अलग करती है, क्योंकि इस दुकान में पिछले 40 साल से आज तक हजारों राष्ट्रीय ध्वजों की धुलाई से लेकर प्रेस करने तक के कार्य किए जा रहे हैं. खास बात यह है कि आज तक इस कार्य के लिए दुकान संचालक ने एक रुपए का शुल्क भी नहीं लिया है. राष्ट्र ध्वज के प्रति नि:शुल्क कर्तव्यपरायणता को देखते हुए 4 साल पहले तत्कालीन कलेक्टर ने दुकान संचालक को सम्मानित भी किया था.
दुकान संचालक राजेंद्र वर्मा आज भी पूरी शिद्दत के साथ राष्ट्रीय ध्वज की न सिर्फ धुलाई करते हैं, बल्कि उन पर प्रेस कर संबंधितों को देते हैं. शहर के सभी शासकीय और अशासकीय प्रतिष्ठान, कार्यालय, स्कूलों में प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को साफ किया जाता है. इस कार्य के लिए सभी लोग राजेंद्र वर्मा की दुकान पर पहुंचते है.
देश सेवा का जज्बा, सेना में जाने की थी इच्छा
राजेंद्र वर्मा के बेटे मुकेश वर्मा ने बताया कि उनके पिता को बचपन से देश की सेवा करने का जज्बा था. पहले परिस्थितियां इस तरह की नहीं थी कि वह देश की सेवा के लिए सेना में जा सकें, जिसके चलते उन्होंने अपने पुश्तैनी धंधे को ही आगे बढ़ाया. मुकेश ने कहा कि सन् 1980 से जब उनके पिता दुकान संभालने लगे, तभी से उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज की धुलाई करना शुरू कर दिया. ये कार्य वह आज तक नि:शुल्क करते आ रहे है.