शाजापुर। कांग्रेस ने चुनाव के वक्त अपने घोषणा पत्र में कहा था कि सरकार सत्ता में आती है तो 10 दिन में किसानों का कर्ज माफ कर दिया जाएगा. लेकिन शाजापुर के किसानों का आरोप है कि प्रदेश सरकार ने घोषणा तो कर दी लेकिन कर्जमाफी की राशि अभी तक इनके खाते में नहीं पहुंची है, जिसकी वजह से बैंकों ने उन्हें डिफाल्टर घोषित कर दिया है.
भारतीय किसान संघ ने प्रदेश सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा, चुनावी वादे पूरे नहीं करने का लगाया आरोप
शाजापुर में भारतीय किसान संघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है.
भारतीय किसान संघ ने अपनी तमाम मांगों को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा है. किसानों का दो लाख तक का कर्ज 10 दिन में माफ नहीं होने के कारण किसान डिफाल्टर हो गए हैं. किसानों की मांग है कि प्राइवेट बैंकों के केसीसी को भी कर्ज माफी में शामिल किया जाए. खरीफ फसलों की सहायता राशि जल्दी मिल जाए. फसल बीमा की राशि किसानों के खाते में पहुंचनी चाहिए.
इसी के साथ किसान सम्मान निधि योजना के पंजीयन की तारीख को 30 जुलाई 2019 तक बढ़ाई जाए. किसानों का कहना है कि खरीफ 2019 में सोयाबीन की फसल में पानी नहीं गिरने की वजह से कई जगह अंकुरण नहीं हुआ है. जिसका सर्वे करवाकर फसल बीमा का लाभ दिलाया जाए.