शहडोल। शहडोल संभाग में एक बार फिर से दगना कुप्रथा का शिकार एक मासूम हो गया है. जहां बीमारी दूर करने के नाम पर गर्म चूड़ियों से मासूम बच्चे के शरीर को दागा गया. जब बीमारी ठीक नहीं हुई बच्चा और सीरियस हो गया, तो फिर उसे अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन कई दिन जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ने के बाद मासूम ने अपना दम तोड़ दिया. इस तरह से एक बार फिर से एक मासूम दगना कुरीति का शिकार हो गया.
दगना कुप्रथा का शिकार हुआ मासूम: पूरा मामला उमरिया जिले के बकेली का है. जहां डेढ़ माह के एक मासूम बच्चे के साथ दगना जैसी क्रूरता की गई. बताया जा रहा है कि बच्चे की तबीयत बिगड़ी, जिसमें उसकी सांसें चल रही थी, पेट में सूजन आ गया था. इस बीमारी को ठीक करने के नाम पर पेट को दागा गया. जिसके बाद उसकी स्थिति और क्रिटिकल हुई. जब बच्चे की हालत बिगड़ने लगी, तो उसे शहडोल जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया. कुछ दिन तक जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ने के बाद आखिर में डेढ़ माह के मासूम बच्चे की मौत हो गई.
गंभीर हालत में बच्चा अस्पताल में हुआ था एडमिट:बताया जा रहा है कि गर्म चूड़ियों से इस मासूम बच्चे को दागा गया था. इसके पेट पर दागने के कई निशान थे. 21 दिसंबर को जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. तभी से यह जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा था. 28 दिसंबर को इस मासूम बच्चे की मौत हो गई. शहडोल जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार ने बताया है कि यह 21 दिसंबर को दोपहर 1:00 बजे के आसपास अस्पताल में भर्ती हुआ. यह पाली ब्लॉक जिला उमरिया के रहने वाले थे, लड़के की मां जो अपने मायके में थी. वह भी उमरिया जिले के पाली ब्लॉक में ही उसका गांव आता है. वहां उसका डेढ़ माह का बच्चा था. जब बच्चे की तबीयत बिगड़ी तो चार-पांच माह तक तो वो उसका देसी इलाज करते रहे.
नानी ने मासूम को दागा:मासूम की तबीयत जब ज्यादा बिगड़ी तो उसकी नानी ने उसको दागा था. जिससे वह सीरियस हो गया. फिर उसे जिला अस्पताल शहडोल लेकर आए. 21 तारीख को दोपहर में यहां पर आते ही डॉक्टर जो एसएनसीयू में थे, उन्होंने उसे देखा, बच्चा क्रिटिकल कंडीशन में था, परिजनों को बता दिया गया था, कि बच्चे की हालत खराब है, लेकिन प्रयास कर रहे हैं. बच्चे को तुरंत वेंटिलेटर पर ले जाया गया. तब से बच्चा सीरियस ही था, वेंटिलेटर पर ही था. 28 तारीख को बच्चे की मौत हुई सीवियर निमोनिया उसका कारण है.