शहडोल। झमाझम बारिश के बाद शहडोल जिले में किसानों ने धान की रोपाई का काम शुरू कर दिया है. बारिश से जलमग्न खेतों में महिलाएं उत्साह के साथ धान की रोपाई में जुटी हैं. धान इस क्षेत्र कि मुख्य खरीफ फसल है. किसान अधिक उत्पादन क्षमता वाले अच्छे बीज से धान की रोपाई में रूचि ले रहे हैं. धान की रोपाई से किसानों के चेहरे खिल गए हैं, क्योंकि यहां ज्यादातर किसानों के पास खेतों की सिंचाई करने के साधन नहीं है, जो बारिश के पानी पर आधारित होकर खेती करते हैं. जिनके पास सिंचाई का साधन था, उन्होंने पहले ही रोपाई का काम शुरू कर दिया था, लेकिन जिनके पास सिंचाई का साधन नहीं था, उन्होंने बारिश के बाद रोपाई का काम शुरू कर दिया है. जिले में 70 से 80 प्रतिशत रकबे में रोपाई के जरिए खेती की जाती है. ऐसे में किसानों के लिए यह बहुत अच्छा समय है, वैसे भी शहडोल जिले में धान की खेती काफी की जाती है
धान की रोपाई में इन बातों का रखें ख्याल
अगर आप अपने धान की रोपाई करना चाहते हैं, तो कुछ सावधानियों को अपनाकर बंपर उत्पादन ले सकते हैं. कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर मृगेंद सिंह बताते हैं कि, जिले में अब तक 298.9 एमएम बारिश हो चुकी है. यह धान की रोपाई के लिए बहुत सही समय है. किसान इस बात का ध्यान दें कि, जो नर्सरी है उसे बहुत पुराना न करें, 10 से 15 दिन की नर्सरी हो गई हो, तो उखाड़कर रोपाई करना शुरू करें, यह कोशिश करें कि, बहुत बेदर्दी के साथ उसे ना उखाड़े, अगर पौधा नीचे बीज वाले धान के साथ ही उखड़ आए, तो बहुत अच्छी बात है.