शहडोल। जमाना डिजिटल हो चला है, 2G, 3G, 4G के बाद अब हम 5G की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन जमाना जितना डिजिटल हो चला है, उतने ही फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं, शहडोल जिले में भी ऐसे ही शातिर अपराधी हैं, जो चंद मिनटों में आपको कंगाल बना सकते हैं, जब तक आपको इस ठगी के बारे में पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी रहती है.
ATM कार्ड का क्लोन बनाकर उड़ाए लाखों रुपए
शहडोल जिले के अमलाई इलाके में भी कुछ ऐसा ही हुआ, यहां शातिर अपराधियों ने ATM से का क्लोन बनाया और खाते से 3.15 लाख रुपए निकाल लिए, जब पीड़ित को जालसाजी का पता चला, तो उन्होंने पूरे मामले की शिकायत थाने में की, फिलहाल पुलिस आरोपियों के तलाश में जुटी हुई है.
अमलाई में रहने वाले शेषनाग यादव धोखाधड़ी के शिकार
यह ट्रांजेक्शन (Transaction) झारखंड के धनबाद जिले से किया गया है, पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए साइबर सेल की मदद से आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है, पुलिस के मुताबिक अमलाई थाना क्षेत्र अंतर्गत चीप हाउस के रहने वाले शेषनाग यादव जिसकी उम्र 61 साल बताई जा रही है, उन्होंने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई है, वह उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और यहां कॉलरी में काम करते थे वर्तमान में रिटायर हो चुके हैं बदमाशों ने उनके एटीएम का क्लोन बनाकर उनके खाते से एक साथ 3.15 लाख रुपये निकाल लिए हैं.
पुलिस ने दर्ज की FIR
पुलिस के मुताबिक पीड़ित शेषनाग यादवने बताया कि खाते से निकासी के बाद मौबाइल पर एसएमएस आता है, लेकिन पैसे निकाले जाने के बाद भी उन्हें कोई मैसेज नहीं मिला. इस वजह से वह शिकायत करने तुरंत नहीं आ सके. जब पैसों के निकाले जाने की उन्हे जानकारी मिली, तब जाकर उन्होंने पूरे मामले की शिकायत उन्होंने थाने में की, फिलहाल पुलिस को यही जानकारी मिल रही है, कि उनके खाते से झारखंड के धनबाद से पैसे निकाले गए हैं.
ऐसे आप हो जाते हैं ATM क्लोनिंग के शिकार
इन दिनों ऑनलाइन ठगी के मामले आम हो चले हैं, रोजाना लाखों लोग किसी न किसी तरह फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं, यह ठगी उसी ATM मशीन से हो जाती है, जिससे आप पैसे निकालते हैं, और आप सोचते हैं कि आप सुरक्षित है, लेकिन ऐसा नहीं है, शातिर ठग ATM में एक ऐसी मशीन (Skimmer Machine) लगाते हैं, जिससे आपके क्रेडिट कार्ड या डेविट कार्ड की कॉपी बनाई जा सके, जैसे ही आप मशीन मे अपना एटीएम कार्ड डालते हैं, तत्काल उसकी कॉपी बना ली जाती है.
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बस यहीं से शुरू हो जाता है, पैसे निकालने का काम, यानी शातिर ठग के पास आपका हूबहू एटीएम कार्ड होता है, इसके साथ ही एटीएम मशीन के key word यानी बटन से आप अपना पासवर्ड डालते है, उसे भी डिजटली कॉपी कर लिया जाता है, उसके बाद शातिर ठग ऑनलाइन पैसे निकाल लेते हैं, और जब तक आप इसकी शिकायत लेकर पहुंचते हैं, तब तक यह पैसा कई खातों में होता हुआ ऐसी जगह पहुंच जाता है, जहां आप नहीं पहुंच सकते.
फर्जी खातों में पैसों का ट्रांजेक्शन
ठगी करने वाले शातिर अपराधियों का पूरा गैंग चलता है, यानी हर किसी का काम अलग-अलग होता है, किसी को ATM क्लोनिंग की जिम्मेदारी मिलती है, तो किसी को पैसों को ठिकाने लगाने का काम, तो कोई फर्जी बैंक खाते खुलवाता है, जिससे पैसों का हेरफेरी की जा सके, पुलिस भी उस खाता धारक के पास पहुंचती है, जिसके बैंक से पैसे निकाले गए हों, लेकिन खाताधारक को उस अकाउंट की जानकारी तक नहीं होती.
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ऐसे में फ्रॉड करने वाले शातिर ठग एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट पैसे ट्रांफर करते हैं, कई बैंकों ट्रांसफर के बाद उन पैसों को निकाल लिया जाता है, एक रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश में हर साल ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसको रोकना अब नामुमकिन होता जा रहा है.
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