शहडोल।ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि चंद्र ग्रहण में लोगों को बहुत ज्यादा सावधान रहना चाहिए. क्योंकि थोड़ी सी असावधानी भारी पड़ सकती है. चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैसे तो बराबर माने गए हैं. लेकिन चंद्र ग्रहण को ज्यादा घातक माना गया है. ज्योतिष के जानकार इसकी वजह बताते हैं. उनके मुताबिक चंद्र ग्रहण रात में होता है. रात में होने के कारण चंद्रमा कमजोर होता है और विरोधी राहु-केतु ताकतवर होते हैं, जो पूर्णरूपेण सभी ग्रहों को प्रभावित करते हैं. इसके अलावा रात में निशाचारों का भी निकलना होता है. जिसकी वजह से भी राहु-केतु मजबूत हो जाते हैं. चंद्रमा जब कमजोर हो जाता है तो अलग-अलग राशि के जातकों को परेशानियों में डालता है.
दोनों ग्रहण के सूतक काल में अंतर :सूर्य ग्रहण में इतनी ज्यादा परेशानियां नहीं आती हैं. अलग-अलग राशि के जातक इतने प्रभावित नहीं होते हैं जितने चंद्र ग्रहण में होते हैं. चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण के सूतक काल में भी फर्क होता है. चंद्र ग्रहण में ग्रहण शुरू होने के 8 घंटे पहले से सूतक शुरू हो जाता है. वहीं सूर्य ग्रहण में ग्रहण शुरू होने के 12 घंटे पहले से सूतक काल लग जाता है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो चंद्र ग्रहण में ज्यादा राशियां प्रभावित होती हैं अपेक्षा सूर्य ग्रहण के. जैसे इस बार अलग-अलग राशियों में देखने को मिल रहा है.
चंद्र ग्रहण में किस राशि पर क्या प्रभाव :
मेष राशि - इस बार मेष राशि में ही ग्रहण पड़ रहा है. भारी नक्षत्र में इसमें जितने भी जातक हैं उनको घात है. मतलब इस राशि के जातकों को बहुत ही सावधानीपूर्वक रहना होगा. गाड़ी चलाते समय, कहीं ऊपर चढ़ते समय, सोते समय, या फिर कहीं घूमते समय काफी सजग और सावधान रहें.
वृष राशि-चंद्रग्रहण का असर वृष राशि पर भी पड़ रहा है. वृष राशि में हानि होगी. मतलब इस दौरान जो भी धंधा, व्यवसाय, ठेकेदारी या अन्य कोई भी कार्य करें तो उसमें काफी सावधान रहें.