मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

कलयुग का श्रवण कुमार! मां को स्कूटर पर बैठाकर देश-विदेश के मंदिरों के दर्शन करा रहा बेटा

कर्नाटक के मैसूर के रहने वाले कृष्ण कुमार अपनी वृद्ध मां चूड़ारत्ना को भारत भ्रमण कराने के लिए स्कूटर से निकले हैं. कृष्ण कुमार अभी तक अपनी मां को देश के कई राज्यों सहित नेपाल, भूटान और म्यांमार की यात्राएं भी करा चुके हैं. कृष्ण कुमार अपनी मां के साथ मध्य प्रदे के चित्रकूट पहुंचे. बता दें कि कृष्ण कुमार एक मल्टी नेशनल कंपनी में टीम लीडर थे, लेकिन अपनी मां को यात्राएं कराने के लिए उन्होंने नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था.

son taking mother on scooter to visit temples
कलयुग का श्रवण कुमार

By

Published : Apr 6, 2023, 10:18 PM IST

Updated : Apr 6, 2023, 11:15 PM IST

कलयुग का श्रवण कुमार

सतना। हिंदू धार्मिक ग्रंथों, वेद शास्त्रों और पुराणों में मातृ पितृ भक्त श्रवण कुमार की कथा सुनने को मिलती है. किस प्रकार से श्रवण कुमार द्वारा अपने अंधे माता पिता को पालकी पर लेकर पैदल चारों धामों की यात्रा कराई गई थी. वर्तमान में कलयुग चल रहा है, इस युग में जिस समय भारतीय संस्कृति और परंपराएं छिन्न भिन्न हो चुकी हैं. तभी कुछ लोग समाज के बीच से ऐसे निकलकर सामने आ जाते हैं जिनके लिए दिलों से दुआएं निकलती हैं. हम आपको कलियुग के ऐसे ही श्रवण कुमार के बारे में बता रहे हैं जो अपनी मां की इच्छा पूर्ति के लिए मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ पूरे देश के तीर्थ स्थल के दर्शन करा रहा है.

स्कूटर से मां को भ्रमण करा रहे कृष्ण कुमार: कर्नाटक मैसूर के रहने वाले कृष्ण कुमार अपनी वृद्ध मां चूड़ारत्ना जिनकी उम्र इस समय 72 वर्ष है. वह अपने पिता द्वारा 20 वर्ष पहले दिए गए स्कूटर पर भारत भ्रमण कराने के लिए निकले हैं. कृष्ण कुमार अभी तक अपनी मां के साथ स्कूटर पर सवार होकर 66 हजार 720 किलो मीटर की यात्रा तय कर चुके हैं. इस यात्रा में नेपाल, भूटान और म्यांमार की यात्राएं भी शामिल हैं. वह अपनी वृद्ध मां चूड़ारत्ना के साथ चित्रकूट पहुंचे.

मां से किया वादा: कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्रीधारी 42 वर्षीय कृष्ण कुमार से पूछने पर उनके द्वारा बताया कि ''वो एक मल्टी नेशनल कंपनी में टीम लीडर के रूप में कार्यरत थे. उनका कर्नाटक राज्य के मैसूर में 10 लोगों का संयुक्त परिवार है, जिसमें उनकी मां घर के सारे काम करती थीं. एक दिन कंपनी से घर आकर मैंने कुछ प्रमुख मंदिरों के नाम गिनाते हुए मां से पूछा गया कि मां कभी इन मंदिरों के दर्शन करने गई हो, जिस पर मेरी मां ने कहा कि बेटा मैं आज तक अपने घर के पास वाले मंदिर भी नहीं जा सकी, उन्हें अपनी मां की बात सुनकर बहुत ही दुख हुआ. तभी मेरे मन में अपनी मां को भारत भ्रमण कराने की इच्छा हुई. मैंने मां से कहा कि मां मैं तुझे सारे देश के मंदिरों का भ्रमण कराऊंगा.''

Also Read:संबंधित इन खबरों पर डालें एक नजर

मां की इच्छा पूरी करने के लिए छोड़ी नौकरी: कृष्ण कुमार ने बताया कि ''इसके बाद मैंने नौकरी से त्याग पत्र दे दिया और स्वर्गीय पिता के द्वारा 20 साल पहले दिए गए स्कूटर पर सवार होकर 16 जनवरी 2018 को मां के साथ भारत भ्रमण प्रारंभ कर दिया. मां के सपने को पूरा करने के लिए कृष्ण कुमार द्वारा आजीवन ब्रह्मचारी अथवा अविवाहित रहने का निर्णय ले लिया गया.'' कृष्ण कुमार ने यह संदेश दिया कि माता-पिता धरती के भगवान हैं, माता पिता हमें जन्म देते हुए जिस प्रकार हमारा लालन पालन करते हैं, उसी प्रकार से हमें भी अपने माता पिता का वृद्धावस्था में लालन पालन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि ''कुछ लोग घर में माता पिता की फोटो लगाकर चंदन का टीका लगाते हैं, उससे कुछ भी नहीं होने वाला है. हमें कोशिश करनी चाहिए कि जिस प्रकार माता पिता बचपन में हमारा ख्याल रखते हैं, वृद्धावस्था में हमे अपने माता पिता का ख्याल रखना चाहिए.''

Last Updated : Apr 6, 2023, 11:15 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details