सतना। पूरे देश में 14 सितंबर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है. हिन्दी दिवस को स्कूल, कॉलेज और सरकारी कार्यालयों में अलग-अलग तरीके से उत्साह पूर्वक मनाया जाता है. हिंदी अपने देश की मातृभाषा मानी जाती है. लेकिन अगर मातृभाषा की बात की जाए तो सतना जिले में शिक्षा के स्तर से मातृभाषा हिन्दी का महत्व अब खत्म होता नजर आ रहा है. सरकारी स्कूलों के बच्चे नवमी-दसवीं क्लास में पहुंच गए, लेकिन उन्हें शुद्ध हिन्दी लिखना नहीं आता है.
हिन्दी दिवस विशेष: सरकारी स्कूल के बच्चों को नहीं आती हिन्दी लिखना, सतना में नीचे गिर रहा शिक्षा का स्तर - satna news
हिंदी अपने देश की मातृभाषा मानी जाती है. लेकिन अगर मातृभाषा की बात की जाए तो सतना जिले में शिक्षा के स्तर से मातृभाषा हिन्दी का महत्व अब खत्म होता नजर आ रहा है.
ल के बच्चों को नहीं आती हिन्दी लिखना
सतना जिले में अगर शिक्षा की बात करें तो शिक्षा का स्तर नीचे की ओर गिरता नजर आ रहा है. इस बात को लेकर जब सतना में ईटीवी भारत द्वारा जिले के सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं से बात की तो पाया कि बच्चे नवमी, दशवीं में पहुंच चुके हैं लेकिन उनसे शुद्ध रूप से हिन्दी लिखना नहीं आता है. स्कूल की शिक्षिका और प्राचार्य इस बात को खुद स्वीकार रहे हैं कि हमारे विद्यालय में शिक्षा की कमी है.