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लापरवाही की हद: रामपुर बघेलान के नसबंदी शिविर में महिलाओं बेहोश छोड़कर चले गए डॉक्टर - मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सतना

सतना जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई, जब बीते दिन रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराने आई महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन तो लगा दिया गया, लेकिन बीच ऑपरेशन में ही डॉक्टर साहब बेहोश महिलाओं को छोड़कर निकल लिए.

Rampur Baghelan Community Health Center
रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

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Published : Nov 13, 2020, 1:00 AM IST

सतना। जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, बीते दिन जिले के रामपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कराने आई महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन तो लगा दिया गया, लेकिन बीच ऑपरेशन में ही डॉक्टर साहब बेहोश महिलाओं को छोड़कर निकल लिए.

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही

ये है मामला

मामला सतना जिले के रामपुर बघेलान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां पर 22 महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन दिया गया और उन्हें नसबंदी कराने के लिए पूरी तरह तैयार करा लिया गया, लेकिन सतना जिला मुख्यालय से पहुंचे डॉ. एमएम पांडेय ने 12 महिलाओं का ऑपरेशन किया और बाकी को बेहोशी की हालत में छोड़कर, वापस सतना जिला मुख्यालय चले गए, इस पूरे घटनाक्रम के बाद जहां एक तरफ परिवार नियोजन कराने पहुंची. हितग्राही महिलाओं के परिजन ऑपरेशन के लिए गुहार लगाते रहे, और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ अधिकारी भी डॉक्टर साहब को रोकने का प्रयास किया, लेकिन डॉक्टर साहब ने किसी की एक न सुनी और वहां से रवाना हो गए.

गैर जिम्मेदाराना रवैया

सही मायने में देखा जाए तो यह बेहद लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैया है, सरकार एक तरफ जहां परिवार नियोजन के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, वहीं ऐसे डॉक्टर सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने में जुटे हुए हैं. वहीं नसबंदी में हद दर्जे की लापरवाही का मामला अब तूल पकड़ चुका है. महिला कांग्रेस ने आज इस मुद्दे को लेकर पीड़ित परिजनों से मुलाकात की और परिजनों के साथ जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.महिला कांग्रेस की मांग थी कि इस मामले पर सख्त कार्रवाई हो.

तीन सदस्यीय जांच टीम गठित

पीड़ित महिलाओं के परिजन की माने तो 24 घंटे बाद भी महिलाओं की हालत खराब है. परिजन ने खुद के खर्च पर ऑटो बुक किया गया और बेहोशी की हालत में उन्हें घर ले जाने को मजबूर हुए. हालांकि इस मामले में कलेक्टर ने एसडीएम रामपुर बघेलान के नेतृत्व में एक तीन सदस्यीय जांच टीम बनाई है, जो मामले की जांच कर रही है.

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